आचार्य चाणक्य ने नैतिकता में जीवन के तथ्यों का उल्लेख किया है। चाणक्य की ये नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य के रूप में वर्तमान समय की तुलना करें तो आज का समय काफी बदल चुका है। लेकिन आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में वर्णित बातों को आज भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है।


कई मायनों में यह काफी उचित भी साबित होता है।
आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से कहा है कि किसी को भी जानने के लिए
किन चार बातों का ध्यान रखना चाहिए? यदि आप इसे सावधानी से आजमाते हैं, तो आप विश्वासघात से बच सकते हैं। जानें चाणक्य की नीति

1. आचार्य चाणक्य के अनुसार विचार तुरंत नहीं लेना चाहिए। सबसे पहले इसके गुणों को जानना चाहिए। हमें देखना होगा कि वह कैसा व्यवहार करता है। व्यक्ति सामाजिक प्राणी है या नहीं। कोई दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करता है, इसका अंदाजा उन्हें देखकर भी लगाया जा सकता है।

2. नैतिकता के अनुसार व्यक्ति को यह देखना चाहिए कि उसके भीतर त्याग की भावना है या नहीं। आत्म-बलिदान की भावना रखने वाले वे लोग होते हैं जो दूसरों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मदद करते हैं।
3. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के स्वभाव का अंदाजा उसके काम को देखकर भी लगाया जा सकता है।
यदि वह रुचिकर है तो उसके स्वभाव में हेरफेर अवश्य ही होगा।


4. चाणक्य कहते हैं कि अंत में व्यक्ति के व्यक्तिगत गुणों को भी देखना चाहिए। कुछ गुण मनुष्य को जन्म के साथ मिलते हैं जबकि कुछ अपने संस्कारों से विकसित होते हैं। चाणक्य के अनुसार सही गलत का अनुमान लगाने के लिए व्यक्ति के गुणों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

Related News