कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए विशेषज्ञ टीकाकरण को सबसे प्रभावी उपाय मानते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए देश में टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया गया है। अब 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है। हालांकि वैक्सीनेशन को लेकर हाल ही में हुए एक अध्ययन ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल बहुत से लोगो में ब्लड क्लाटिंग की समस्या देखने को मिल रही है।

इस अध्ययन ने लोगों के मन में तमाम तरह से डर का माहौल बना दिया है। चूंकि देश के ज्यादातर हिस्सों में कोविशील्ड वैक्सीन की ही उपलब्धता है, ऐसे में यह डर भी लाजमी है। इस लेख में हम जानेंगे कि वैक्सीनेशन के बाद शरीर में दिखने वाले किन परिवर्तनों के आधार पर ब्लड क्लाटिंग की पहचान की जा सकता है?


वैज्ञानिकों के मुताबिक यह स्थिति प्रति 10 लाख खुराक में करीब 11 मामलों में हो सकती है। इसके अलावा 65 से 70 साल की आयु वाले लोगों (जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी, मधुमेह या किडनी की बीमारी हो) में इसका खतरा अधिक देखने को मिला है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक रक्त का थक्का बनने के कारण हृदय संबंधी समस्याओं के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसमें सामान्य तौर पर लोगों को चक्कर आने और सांस की तकलीफ का अनुभव हो सकता है। ब्लड क्लाटिंग की समस्या यदि हृदय में हो रही है तो इसके कारण छाती में दर्द और भारीपन का अनुभव भी हो सकता है।

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