कई बार आप सभी ने तितली आसन के बारे में सुना होगा। पैरों को तितली की तरह हिलाना पड़ता है, जैसे तितली अपने पंख फड़फड़ाती है। बटरफ्लाई पोज या बटरफ्लाई पोज को बधा कोणासन भी कहा जाता है। इस आसन में दोनों पैरों को हाथों से पकड़कर बांध कर रखा जाता है। हां और इस आसन में पैर ऊपर-नीचे नहीं होता है, बल्कि सिर को आगे की ओर झुकाकर जमीन के पास लाया जाता है। यह आसन सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि पुरुषों के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। आज हम आपको पुरुषों के लिए इससे होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं।

तितली आसन के फायदे-

कम सहनशक्ति की समस्या को दूर करता है- बटरफ्लाई पोज पुरुषों में थकान और कमजोरी या कम स्टैमिना की समस्या को दूर करता है। जी हां, अगर आप थके हुए हैं या आपका स्टैमिना कम है तो आप बटरफ्लाई पोज ट्राई कर सकती हैं। जिसके अलावा जिन पुरुषों को कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या है उन्हें भी बटरफ्लाई पोज करना चाहिए।

प्रोस्टेट कैंसर से बचाव- प्रोस्टेट ग्रंथि के लिए भी तिल आसन को फायदेमंद माना जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि के स्वास्थ्य की वजह से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के खतरे से भी बचा जाता है।

प्रजनन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद - आसन को करने से स्त्री और पुरुष दोनों के प्रजनन अंगों में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है। बटरफ्लाई पोज करने से अधिक मात्रा में रक्त और ऑक्सीजन प्रजनन अंगों तक पहुंचता है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को दूर करें - इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कम से कम लगातार तीन महीनों की अवधि के लिए संभोग के दौरान इरेक्शन बनाए रखने के रूप में परिभाषित किया गया है। कई पुरुष संभोग के दौरान अपने जननांगों में पर्याप्त इरेक्शन नहीं कर पाते हैं या वे इसे बनाए नहीं रख पाते हैं। ऐसे लोगों को तितली आसन करना चाहिए।

अंदरूनी मांसपेशियां होती हैं मजबूत- आसान करने से अंदरूनी मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

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