भारत के कुछ राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने से चिकन और अंडे खाने को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, केरल और गुजरात आदि राज्यों में करीब 25 हज़ार बत्तखों, कौओं और अन्य पक्षियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। इससे मीट इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लगा है। लेकिन चूंकि ये वायरस संक्रमित पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है, इसलिए लोगों में इसे लेकर दहशत है। डॉक्टर्स का कहना है कि इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं बल्कि ये बीमारी उन लोगों में फैलने की संभावना होती है जो मुर्गी पालन करते हैं या फिर संक्रमित पक्षियों के आस- पास रहते हैं।

क्या है मीट खाने को लेकर WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की राय- विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मीट और अंडे खाना तब तक सेफ है जबतक आप इसे पूरी तरह साफ करके और पका कर खा रहे हों। जब हम नॉर्मल तापमान पर मीट की पकाते हैं तो इसके वायरस मर जाते हैं। वायरस चूंकि हीट को लेकर संवेदनशील होता है इसलिए यह पकाने पर मर जाता है।

WHO ने कहा, ‘सावधानियों को ध्यान में रखते हुए, यह सलाह दी जाती है कि मुर्गी पालन, इसके उत्पाद और जंगली पक्षियों को पकाने से पहले सही तरीके से साफ किया जाना चाहिए और चिकन को सही ढंग से पकाना चाहिए।’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, संक्रमित पक्षियों से मनुष्यों में संक्रमण तभी होता है जब इन पक्षियों को पकाने से पहले घर पर इन्हें काटा जाए। इससे बर्ड फ्लू का खतरा इंसानों में बढ़ सकता है इसलिए इससे दूर रहने की सलाह दी गई है।

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