हर धर्म की अपनी-अपनी मान्‍यताएं और मुस्लिम धर्म के लोग सूअर के नाम से भी घृणा करते हैं और इस जानवर को आसपास भी भटकने नहीं देते हैं। लेकिन आखिर ऐसा क्यों है? इसी बारे में आज हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं।

जिस तरह हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ गीता है उसी तरह मुस्लिम धर्म का पवित्र ग्रंथ कुरान है। कुरान के अंदर कई नियमों का उल्‍लेख मिलता है जिसे हर मुसलमान को मानना ही पड़ता है। इसके अनुसार सुअर का मांस खाना भी पाप है।

गंदा जानवर होता है सूअर

आम मान्‍यता के अनुसार सूअर को एक गंदा जानवर कहा गया है। सुअर कीचड़ में रहता है और वही खाता है जिस से उसमे कई बैक्टीरिया होते हैं।

इसके अलावा सूअर एकमात्र ऐसा जानवर है जिसे पसीना नहीं आता है। इसके शरीर पर स्‍वैट ग्‍लैंड्स होते ही नहीं हैं। उसके शरीर पर बनने वाले विषाक्‍त पदार्थ उसके मांस में इकट्ठा हो जाते हैं। सुअर के मांस में उपलब्ध टॉक्सिक आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इस से हार्ट अटैक तक भी आ सकता है।

सूअर का मांस खाने वाले लोगों को लिवर से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।

शायद यही वजह है कि मुस्लिम धर्म में सूअर का मांस खाने की मनाही की गई है। अगर कोई इस जानवर का मांस खाता है तो उसे बीमारियों का स्‍वागत करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बेहतर होगा कि आप इसकी जगह कोई और विकल्‍प ढूंढें।

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