आज से बैंकिंग में एक बड़े बदलाव के तहत अब ग्राहकों के लिए एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद निकासी/जमा के लिए अपना पैन या आधार कार्ड नंबर देना अनिवार्य होगा। ताजा दिशानिर्देश न केवल वाणिज्यिक बैंकों, बल्कि सहकारी बैंकों या डाकघरों के लिए भी लागू होगा।


बदले हुए नियम की घोषणा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 10 मई को एक अधिसूचना में की थी। इसके अतिरिक्त, एक व्यक्ति को उपरोक्त किसी भी लेनदेन को करने से कम से कम सात दिन पहले पैन के लिए आवेदन करना आवश्यक है। इस नए नियम के पीछे मुख्य उद्देश्य नकद मार्ग के माध्यम से बेहिसाब वित्तीय लेनदेन पर रोक लगाना है।

कई लेनदेन के लिए पैन कार्ड अनिवार्य
1. आयकर रिटर्न दाखिल करने या आयकर अधिकारियों के साथ कोई पत्राचार शुरू करने के लिए पैन को उद्धृत करना अनिवार्य है।

2. बैंक या डीमैट खाता खोलने या क्रेडिट या डेबिट कार्ड प्राप्त करने के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।

3. म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड में 50,000 रुपये से अधिक का निवेश करते समय, पैन विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है।


4. एक वित्तीय वर्ष में बीमाकर्ता को जीवन बीमा प्रीमियम के रूप में 50,000 रुपये से अधिक की कुल राशि का भुगतान करने के लिए भी पैन की आवश्यकता होती है।

5. किसी वित्तीय वर्ष के दौरान किसी एक दिन के दौरान 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा करने या 50,000 रुपये से अधिक की सावधि जमा (सावधि जमा) या किसी बैंकिंग कंपनी या सहकारी बैंक, डाकघर या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के साथ एक वित्तीय वर्ष के दौरान 5 लाख रुपये से अधिक जमा करने के लिए पैन कार्ड जरूरी है।

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