प्राचीन समय से ही सोना को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। भारतीय परंपरा में सोना बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है,विवाह के समय स्त्रीधन के रूप में इसे दिया जाता है,कोई भी शुभ कार्य हो उसमें भी सोने का उपयोग अवश्य किया जाता है। लेकिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यह बड़ी एक भूल साबित हो सकती है,दरअसल सोना जरूरत और इसके प्रभाव को देखते और समझते हुए ही धारण करना चाहिए। आइए जानें गोल्ड से संबंधित कुछ बेहद जरूरी नियम।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार वे लोग जो राजकीय सहयोग और सम्मानजनक जीवन व्यतीत करना चाहते हैं उन्हें सोना अवश्य पहनना चहिए। यदि ख्वाहिश एकाग्रता की है तो सोना तर्जनी अंगुली में धारण करें वहीं संतान प्राप्ति के इच्छुक हैं तो अनामिका अंगुली में सोना पहनें।


सोना धारण करने से शरीर में ऊर्जा और गर्मी बढ़ती है,साथ ही साथ यह विष के प्रभाव से भी मुक्ति दिलवाता है। अगर आपको सर्दी, जुकाम या सांस से संबंधित कोई समस्या है तो आपको कनिष्ठिका अंगुली में सोना पहनना चाहिए।

सोने का संबंध बृहस्पति ग्रह के साथ है,जिनकी कुंडली में बृहस्पति की दशा सही नहीं होती उन्हें सोना नहीं पहनना चाहिए, यह उनकी समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकता है।

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