कैल्शियम हमारे शरीर के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है। हड्डियों और दांतों की मजबूती, तंत्रिकाओं से संकेत प्राप्त करने, मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के साथ कई तरह के हार्मोन के स्राव के लिए शरीर में कैल्शियम की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। पोषण विशेषज्ञ कहते हैं, दैनिक आहार से शरीर के लिए आवश्यक कैल्शियम की मात्रा आसानी से प्राप्त की जा सकती है। दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पादों को कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। हालांकि जिन लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है, वह कैल्शियम किस प्रकार से प्राप्त कर सकते हैं? आइए इसी बारे में विस्तार से जानते हैं।

दूध से एलर्जी की समस्या

लैक्टोज इंटॉलरेंस, पाचन संबंधी विकार है, जिसमें लोगों को डेयरी उत्पादों के मुख्य यौगिक 'लैक्टोज' को पचाने में काफी दिक्कत हो सकती है। इस समस्या के शिकार लोगों को डेयरी उत्पादों के सेवन विशेषकर दूध पीने के बाद पेट में सूजन, दस्त और पेट में ऐंठन जैसी दिक्कतें हो जाती हैं। चूंकि ऐसे लोग दूध और दही का सेवन ज्यादा नहीं कर पाते हैं, ऐसे में इनमें कैल्शियम की कमी होने का खतरा बना रहता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं जिन लोगों को दूध से एलर्जी या लैक्टोज इंटॉलरेंस की दिक्कत हो, वह किन और चीजों का सेवन करके शरीर के लिए आवश्यक कैल्शियम की पूर्ति कर सकते हैं?स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ज्यादातर बच्चों में जन्म के समय से ही शरीर में पर्याप्त लैक्टोज की मात्रा होती है। बच्चों को मां के दूध को पचाने के लिए इस यौगिक की जरूरत होती है। कुछ लोगों में समय के साथ कई कारणों से इस एंजाइम की मात्रा घट सकती है। कुछ मामले ऐसे भी देखने को मिले हैं जिसमें लोगों को आनुवांशिक रूप से लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या हो सकती है। ऐसे बच्चों के लिए मां के दूध को भी पचा पाना कठिन हो जाता है। जिन लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की दिक्कत होती है उन्हें अन्य आहार माध्यमों से कैल्शियम की पूर्ति करने की सलाह दी जाती है। आइए ऐसे ही कुछ आहार के बारे में जानते हैं।
बच्चों में लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या

यदि आपको डेयरी उत्पादों से एलर्जी है तो सोया मिल्क इसका बेहतर विकल्प हो सकता है। सोया मिल्क के प्रति सर्विंग में लगभग 500 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसके अलावा टोफू भी कैल्शियम से भरपूर होते हैं। आधा कप टोफू (126 ग्राम) से कैल्शियम के दैनिक आवश्यकताओं के 86 फीसदी मात्रा की पूर्ति की जा सकती है। टोफू प्रोटीन का भी एक अच्छा स्रोत हैं, इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जिन्हें स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
सोया मिल्क के हो सकते हैं कई फायदे

सभी तरह के नट्स में से बादाम में कैल्शियम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। लगभग 22 बादाम से कैल्शियम के दैनिक आवश्यकताओं की 8 फीसदी की पूर्ति की जा सकती है। इसके अलावा 28 ग्राम बादाम से 3 ग्राम फाइबर, स्वस्थ वसा और प्रोटीन भी प्राप्त किए जा सकते हैं। बादाम को मैग्नीशियम, मैंगनीज और विटामिन-ई का भी उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है। नियमित रूप से बादाम का सेवन करने से कई लाभ हो सकते हैं।बादाम हैं कैल्शियम के अच्छे स्रोत
हरे पत्तेदार साग अविश्वसनीय रूप से स्वस्थ के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इनसे उचित मात्रा में कैल्शियम प्राप्त किया जा सकता है। कोलार्ड साग, पालक और केल का सेवन इस मामले में फायदेमंद माना जाता है। पके हुए कोलार्ड साग (190 ग्राम) से 266 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त किया जा सकता है। पालक के साग का सेवन कैल्शियम के साथ आयरन की पूर्ति के लिए भी बेहद फायदेमंद मा
शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है पालक का साग

पालक के साग का सेवन कैल्शियम के साथ आयरन की पूर्ति के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है।

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