रात में कई बार सोते-सोते नींद अचानक से खुल जाती है और लगता है कि पैरों पर चीटियों का झुंड चल रहा है. फिर जब उठकर देखते हैं तो पता चलता है कि पैरों पर कोई चींटियां नहीं हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है,आइये जानते है।

दरअसल, मेडिकली भाषा में इसे टिंगलिंग (झनझनाहट) कहते हैं, इस तरह की झुनझुनी (टिंगलिंग) का कारण एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहना, लगातार बैठे रहना, नसों का दबना, एक ही तरफ देर तक लेटे रहना आदि हो सकते हैं. इसके कारण हाथ-पैर में झनझनाहट आती है लेकिन लगता है कि मानो चींटी चल रही हैं।

हाथ−पैरों में झनझनाहट और सुन्न होने के नीचे बताए हुए कुछ कारण भी हो सकते हैं जिन्हें जानकर और उनका इलाज करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

हाई ब्लड शुगर के कारण होने वाले नर्व डैमेज से हाथ और पैरों का सुन्न पड़ना या झुनझुनी आना सामान्य बात है,अगर किसी को डायबिटीज है और उसका इलाज नहीं किया जा रहा है तो उसे झनझनाहट के साथ अधिक प्यास लग सकती है, बार-बार यूरिन आ सकती है, सांस से अजीब सी गंध आ सकती है, ऐसे में अगर किसी को ऐसे संकेत है ततो वो डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करे।

कई वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण आपकी नसों को नुकसान पहुंचा सकते हैं जिससे हाथ और पैर सुन्न हो सकते हैं या फिर उनमें चीटियां चलने जैसा अहसास हो सकता है, इनमें से कुछ वायरस एचआईवी, लाइम डिसीज, दाद, एपस्टीन-बार, हेपेटाइटिस बी और सी, वेस्ट नाइल, साइटोमेगालोवायरस भी शामिल हैं. ऐसा होने पर आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

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