इंडिया के प्रत्येक नागरिक के लिए आधार कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है। आजकल किसी भी प्रकार की सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य दस्तावेज में शामिल है। अब इसे देखते हुए आधार बनाने वाली संस्था यूआईडीएआई ने ऐसे आधार कार्डों की पहचान कर उन्हें रद्द करने का काम शुरू कर दिया है। बता दे की, UIDAI अब तक 5,98,999 से ज्यादा डुप्लीकेट आधार कार्ड रद्द कर चुका है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, यूआईडीएआई द्वारा डुप्लीकेट आधार की समस्या को हल करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और कहा कि आधार कार्ड में एक अतिरिक्त सत्यापन सुविधा जोड़ी गई है, जिसमें आधार सत्यापन के लिए चेहरे का उपयोग किया जाएगा। अब तक आधार वेरिफिकेशन सिर्फ फिंगरप्रिंट और आईरिस की मदद से होता था. आधार से जुड़ी सेवाओं की पेशकश करने वाली अवैध वेबसाइटों पर एक अन्य सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने कहा, 'यूआईडीएआई ने इन वेबसाइटों को नोटिस भी भेजा है।'

किसी भी तरह से ऐसी अनधिकृत सेवाएं प्रदान करने से खुद को रोकने के लिए नोटिस दिया है, और सेवा प्रदाताओं को भी अवज्ञाकारी वेबसाइटों को तत्काल प्रभाव से ब्लॉक करने के लिए होस्ट करने के लिए नोटिस दिया है। जिसके अलावा मोबाइल नंबर को अपडेट करने से लेकर एड्रेस और फोटोग्राफ तक सभी डिटेल्स को अपडेट करने के लिए यूजर्स को यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट के साथ-साथ अधिकृत आधार केंद्रों पर भी जाना होगा।

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