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वेतन वृद्धि की चर्चा जोर पकड़ रही है, ऐसे में 8वें वेतन आयोग की संभावना सरकारी कर्मचारियों के बीच काफी उत्सुकता और चर्चा का विषय बन गई है। 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने वेतन पैकेज संशोधन के अपडेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और श्रमिकों के परिसंघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिना किसी देरी के नया केंद्रीय वेतन आयोग बनाने का आग्रह किया है। हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि उसके पास नया वेतन आयोग बनाने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने 2016 में 7वें वेतन आयोग को लागू किया था। उल्लेखनीय है कि 7वें वेतन आयोग ने न्यूनतम मासिक वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था।

8वां वेतन आयोग:


सरकार एक नई प्रणाली की योजना बना रही है?

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के समय पर वेतन संशोधन के लिए एक नई प्रणाली शुरू कर सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार वेतन संशोधन के लिए एक नए दृष्टिकोण पर विचार कर रही है, जो संभवतः उन्हें प्रदर्शन मीट्रिक या मुद्रास्फीति दरों से जोड़ सकता है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इससे वेतन में अधिक बार और स्वचालित समायोजन संभव हो सकेगा, जिससे वेतन आयोगों के बीच लंबे समय तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।

हालांकि, ठोस विवरण अभी भी दुर्लभ हैं, जिससे कर्मचारी अनिश्चितता की स्थिति में हैं।


केंद्र सरकार के कर्मचारी किस बात का इंतजार कर रहे हैं?

नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) के कर्मचारी पक्ष के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि आगामी 8वें वेतन आयोग में "कम से कम 2.86" का फिटमेंट फैक्टर प्रस्तावित किया जाएगा। यदि सरकार प्रस्तावित फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी देती है, तो केंद्र सरकार के कर्मचारी महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा, जो 186% की प्रभावशाली वेतन वृद्धि को दर्शाता है।

इसके अलावा, यदि प्रस्तावित फिटमेंट फैक्टर को लागू किया जाता है, तो केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।

यह देखना अभी बाकी है कि क्या केंद्र सरकार वेतन संशोधन के लिए कोई नया तंत्र अपनाएगी या पारंपरिक वेतन आयोग पद्धति पर ही कायम रहेगी।

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