भारत देश की संस्कृति और सभ्यता काफी सम्पन्न है। देश में सनातन धर्म से जुड़े कई ऐसे रहस्य है जिन पर आज भी कई लोग विश्वास करते हैं और वे तर्कसंगत भी है लेकिन फिर भी विज्ञान के पास ना तो इन रहस्यों के बारे में कोई जवाब है और ना ही विज्ञान इन्हे सुलझाने में कामयाब हुआ है। आप भी इन रहस्यों पर नजर डाल सकते हैं।

1.इच्छाधारी नाग


हिंदू सभ्यता में सांप का एक अहम स्थान है। गाय के बाद जीवों में सांप को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है और लोग आज भी साँपों की पूजा करते हैं। दस मुँह वाले शेषनाग पर आपने विष्णु भगवान को विराजमान हुए देखा होगा। ठीक उसी तरह शिवजी के गले में भी हमेशा सांप लिपटा रहता है। साँपों को ले कर हिन्दुओं में इतनी श्रध्दा है कि लोग आज भी सांप की पूजा करते हैं और इन्हे दूध भी पिलाते हैं। साँपों को लेकर हिंदू यह भी मानते हैं कि यदि कोई सांप 100 वर्ष से अधिक समय तक जिंदा रह जाए तो उसमे किसी का भी रूप लेने की शक्ति आ जाती है। जिन्हे इच्छाधारी नाग कहते हैं। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि साँपों के पास एक विशेष प्रकार की मणि होती है जिसे यदि इंसान हासिल कर ले तो वह अमर और अजय हो सकता है लेकिन इस मणि को आज तक कोई इंसान हासिल नहीं कर पाया है। हालाकिं इन बातों का कोई पुख्ता सबूत नहीं है लेकिन कई लोगों ने ऐसे वाकयों का दावा किया है लेकिन इसका जवाब विज्ञान के पास नहीं है।

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2.संजीवनी बूटी



रामायण में संजीवनी बूटी का उल्लेख किया गया है। जब मेघनाथ से युद्ध करने के दौरान लक्ष्मण जी उसके शस्रप्रहार से मरणासन्न हो गए थे तब राम जी ने हनुमान जी को संजीवनी बूटी की तलाश में भेजा था। हालाकिं हनुमान जी को यह समझ नहीं आया था कि इनमे से संजीवनी बूटी कौनसी है तो वे पूरा पर्वत ही अपने हाथ में उठा लाये थे। तब से अब तक कई शोधकर्ता हिमालय में इस पौधे को खोजने की तलाश में निकले हैं। कुछ शोधकर्ताओं ने हिमालय के इलाके में ऐसे ही अनोखे पौधे की खोज की है। उनका दावा है कि उन्हें ऐसा एक पौधा मिला है जो कि हमारे इम्यून सिस्टम को रेगुलेट करता है और हमें रेडियोएक्टिविटी से भी बचाता है। बता दें कि Selaginella Bryopteris नाम की यह बूटी ठंडे और ऊंचे वातावरण में मिलती है।

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3. सोमरस



बहुत से पुराणों और किताबों में देवताओं द्वारा सोमरस पीने की बात कही गई है। जिसे वे आनंद के लिए पीते थे। लेकिन वाकई में सोमरस क्या है यह कोई नहीं जानता है। कई लोग सोमरस को शराब से जोड़ कर देखते हैं और कहते हैं कि यह शराब का ही एक रूप है। लेकिन वाकई में वेदों और पुराणों में शराब की घोर निंदा की गई है। क्योकिं शराब पीने वाले अक्सर मारपीट और उत्पात मचाया करते थे। तो फिर सवाल यह उठता है कि भला देवता शराब कैसे पी सकते हैं। असल में शराब को वेदों में सुरा कहा गया है जिसे असुर किया करते थे। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यह भांग की तरह है और शिवजी द्वारा भांग पिया जाने की ओर भी लोग इशारा करते है। लेकिन सोमरस वाकई में दूध और दही से मिला कर बनाया जाता है। भांग में दही तो होता है लेकिन दूध नहीं, तो यह बात साफ़ है कि सोमरस शराब या भांग का रूप तो नहीं है। लेकिन असल में यह क्या है इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

4. पुनर्जन्म की धारणा



पुर्नजन्म की धारणा भी भारत में बहुत प्रचलित है। हिंदू धर्म के अलावा जैन और कई अन्य धर्मों में पुर्नजन्म की धारणा को माना गया है और इसके अनुसार व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद वह तुरंत ही दूसरा जन्म ले लेता है। कहा जाता है कि मनुष्य के शरीर का अंत हो जाता है लेकिन आत्मा अमर होती है और व्यक्ति की मृत्यु के तुंरत बाद ही आत्मा किसी और के शरीर में प्रवेश ले लेती है और इंसान का फिर से जन्म होता है। कई ऐसे वाकये भी सुनने में आये हैं जिसमे व्यक्ति को अपने पिछले जन्म की बाते इस जन्म में भी याद रहती है और उसे बार बार सपने में अपने पिछले जन्म की घटनाएं दिखाई देती है। ऐसे कई केस सामने आये हैं। हालाकिं विज्ञान के पास इसका कोई जवाब नहीं है और विज्ञान इस पर भरोसा नहीं करता है लेकिन उन वाकयों को झुटलाया नहीं जा सकता जिनमे मनुष्यों को वाकई में अपने पिछले जन्म की बातें याद रहती है

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