कहते हैं माला जपने से आपका हर कस्ट दूर हो जाता है। वैसे आपने देखा होगा बहुत से लोगो को माला जपते हुए। लेकिन आपको पता है माला में दानों की संख्या 108 होती है. आप सभी को बता दें कि शास्त्रों में इस संख्या 108 का अत्यधिक महत्व माना जाता है और माला में 108 ही दाने क्यों होते हैं, इसके पीछे कई धार्मिक, ज्योतषिक और वैज्ञानिक मान्यता है।

बात करे माला में 108 डेन की तो क्या आपको पैट है इसके पीछे क्या है वजह। स्वस्थ व्यक्ति दिनभर में जितनी बार सांस लेता है, उसी से माला के दानों की संख्या 108 का संबंध है। सामान्यतरू 24 घंटे में एक व्यक्ति करीब 21600 बार सांस लेता है। दिन के 24 घंटों में से 12 घंटे दैनिक कार्यों में व्यतीत हो जाते हैं और शेष 12 घंटों में व्यक्ति सांस लेता है 10800 बार।

माला का एक-एक दाना सूर्य की एक-एक कला का प्रतीक है और सूर्य ही व्यक्ति को तेजस्वी बनाता है, समाज में मान-सम्मान दिलवाता है। कहते हैं सूर्य ही एकमात्र साक्षात दिखने वाले देवता हैं, इसी वजह से सूर्य की कलाओं के आधार पर दानों की संख्या 108 निर्धारित की जा चुकी हैं।

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