किन्नर हमारे ही समाज का एक अंश हैं, लेकिन उनका रहन सहन काफी अलग होता है। माना जाता है कि किन्नर का आर्शीवाद किसी भगवान से कम नहीं होता है, लेकिन आज हम आपको इनके जिंदगी से जुड़ी एक ऐसी बात बताने वाले हैं, जिसके बारे में शायद ही लोगों को पता होगी। दरअसल किन्नर भी शादी करते हैं, और ये बात सिर्फ उन्ही लोगों को पता होती है।

एक कथा है, जिसकी परंपरा को किन्नर आज भी निभा रहे हैं। अपने देवता इरावन का नाम आपने सुना होगा, जिनके माता-पिता अर्जुन और नाग कन्या उलूपी थे। अगर हम कथा के बारे में बात करें तो महाभारत युद्ध से पहले पांडवों ने मां काली की पूजी की थी, और इस पूजा के बाद किसी राजकुमार को बलि पर चढ़ाना था।

इसके लिए कोई भी राजकुमार तैयार नहीं हो रहा था तो इरावन ने खुद को बलि पर चढ़ाने के लिए हामी भर दी थी। लेकिन इरावन ने इसके लिए एक शर्त रखा कि वो बिना शादी के बलि पर चढ़ने को तैयार नहीं होगा। अब सवाल ये था कि वो कौन स्त्री होगी जो एक रात के लिए शादी के और फिर विधवा हो जाए। इस बात का हल निकाला श्री कृषण ने. उन्होंने मोहिनी रुप धारण किया और फिर इरावन से शादी के विधवा बनने को तैयार हो गए. इसी प्रथा के चलते किन्नर अपने देवता इरावन से शादी करते हैं। इसी कथा अनुसार किन्नर आजतक अपने देवता इरावन से एक रत के लिए शादी करते है।

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