...तो इस बड़ी मजबूरी के चलते आतंकी मसूद अजहर को बार-बार बचाता है चीन!
आपको जानकारी के लिए बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल कराने में भारत एक बार फिर से फेल हो गया, वजह है चीन।
पिछले 10 वर्षों में यह चौथी बार हुआ है जब चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के साथ दोस्ती निभाते हुए मसूद को बचा लिया है। यूएन में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पेश किया था। अब आप सोच रहे होंगे कि चीन हर बार वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को क्यों बचा लेता है?
जी हां, दोस्तों दरअसल चीन की एक बड़ी मजबूरी है, जो वो हर बार अपने मित्र पाकिस्तान को बचाकर रखता है। दरअसल चीन की असली मंशा भारत को पाकिस्तान के साथ उलझाए रखना है। इस तरह से चीन ना केवल भारत की विकास गति को रोक सकता है, बल्कि अपने देश के विकास को तेजी से आगे ले जा सकता है।
पाकिस्तान के जरिए चीन एशियाई देशों में भारत के दबाव को नियंत्रित करके रखना चाहता है। चीन वीटो का इस्तेमाल कर यह दिखाना चाहता है कि चीन की मर्जी के बिना दक्षिण एशिया में एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है।
चीन का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि उसने चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के बुनियादी ढांचे पर काफी निवेश किया है। जाहिर है आईएसआई और जैश जैसे आतंकी संगठनों को सुरक्षा मुहैया कराने के बदले उसे अपने प्रोजेक्ट में आतंकी हमले नहीं होने की गारंटी मिलती है।
बता दें कि चीन की कई कंपनियों ने चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में करीब 40 अरब डॉलर का निवेश किया है। इनमें से करीब आधी परियोजनाएं पूरी होने वाली है। इस प्रोजेक्ट के जरिए ग्लोबल मार्केट में अपना दबदबा बनाना चाहता है।
एक बड़ी वजह यह भी है कि चीन पूर्वी शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ बुरा बर्ताव करता है, बावजूद इसके इस मुद्दे पर पाकिस्तान कुछ नहीं कहता है, उल्टे चीन का ही साथ देता है। चीन ने मुस्लिम उइगर अल्पसंख्यकों के दमन के लिए कई तरह के शिविर बना रखे हैं।