इंडो यूरोपियन हेल्थकेयर के डायरेक्टर डॉ. चिन्मय गुप्ता ने बातचीत में बताया की राजू श्रीवास्तव पहले से ही हार्ट पेशेंट थे,वह फॉलोअप के लिए उनके पास आते थे।

राजू को 10 अगस्त को कार्डियक अरेस्ट हुआ था और कार्डियक अरेस्ट होने के बाद उन्हें अस्पताल लाने में थोड़ी देरी भी हो गई थी इस वजह से ब्रेन पर काफी असर पड़ा था और इसी वजह से ब्रेन में ऑक्सीजन सप्लाई भी प्रभावित हुई।

ब्रेन के रिकवर न होने की वजह से उनकी सेहत में कोई खास सुधार नहीं आ रहा था,राजू की मौत का प्राथमिक कारण भी कार्डिक अरेस्ट बना।

हार्ट की बीमारी और एक्सरसाइज के बीच सीधा संबंध होता है हार्ट के मरीजें को एक्सरसाइज करने से नुकसान भी हो सकता है।
हार्ट मरीजों को लगता है कि हैवी वर्कआउट करने से उनके शरीर में कोलेस्टॉल का लेवल कंट्रोल में रहेगा, लेकिन जरूरी नहीं है कि सभी मामलों में ऐसा हो इसलिए हार्ट के मरीजों को जिम जाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए की उन्हें कितनी एक्सरसाइज करनी है और उसी के हिसाब से ही वर्कआउट करना चाहिए ,हार्ट के मरीज कभी भी ट्रेडमिल पर 20 मिनट से ज्यादा न दौड़ना चाहिए और स्पीड भी कम ही रखना चाहिए।

राजू श्रीवास्तव 42 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहे और आखिर में बुधवार को नई दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया,महज 58 साल की उम्र में वो दुनिया को अलविदा कह गए।

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