सलमान खान बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक है। भारत में ही बल्कि भारत के बाहर भी उनके करोड़ों फैन है। उनकी हर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करती है और करोड़ों का व्यापार करती है। लेकिन इसके साथ ही वो कई बार विवादों की वजह से भी सुर्खियों में रहे है।

सलमान खान काला हिरण विवाद को लेकर न केवल सुर्खियों में रहे है बल्कि उन्हें इसके लिए सजा देने की घोषणा भी की गई। हालांकि उनके साथी कलाकारों तबू, सैफ, निलम बेदी, सोनाली बें्रदे को को सबूतों के न होने की कारण रिहा कर दिया गया।

लेकिन क्या आप जानते थे कि अगर सलमान ने 1998 के मामले में एक शख्स की बात सुन ली होती तो उन्हें जेल नहीं जाना पड़ता और उन्हें अदालत के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।

गोनोरिया हिरण की हत्या की कहानी 1998 में 'हम साथ साथ है' फिल्म के साथ शुरू हुई थी। सैफ और सलमान मस्ती के लिए शिकार करने की योजना बना रहे थे और तब्बू, नीलम, सोनाली भी उनके साथ थीं।

रात के अंधेरे में जोधपुर से 30 किमी दूर कंकानी गांव के गुरु, स्थानीय लोगों की मदद से, जबेश्वर नगर पहुंचे। आरोप थे कि वे दो हिरण का शिकार किया था। स्थानीय निवासियों ने बंदूकधारियों की आवाज सुनी थी और उसके बाद वो लोग वहां से जिप्सी से भाग गए।

राजस्थान वन विभाग ने 1998 में इस घटना के बारे में शिकायत दर्ज हुई। उनमें से तबू, सैफ, सोनाली, नीलम, दूसंत सिंह, दिनेश गबर पर आरोप लगाया गया था और मामला सीजेएम अदालत में सुना गया था।

खबरों की माने तो फिल्म के निर्देशक सूरज बरजाति सलमान समेत अन्य सितारों को रोकने की कोशिश कर रहे थे लेकिन किसी ने भी उसकी बात सुनी और सभी शिकार के लिए बाहर चले गए।

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