ओटीटी प्लेटफॉर्म के आने के बाद से ही 'बिंज वॉचिंग' यानी किसी भी वेब सीरीज के सभी एपिसोड्स को एक ही मीटिंग में लगातार देखने का चलन रहा है। लॉकडाउन में पूरे परिवार ने घर बैठे कई वेब सीरीज इस तरह से देखी हैं. पिछले कुछ समय से ऐसी कोई हिंदी वेब सीरीज नहीं बनी है, जिसे एक बैठक में खत्म करना पड़े। डिज़्नी+हॉटस्टार पर नवीनतम रिलीज़, 'एक्लिप्स' एक अद्भुत वेब सीरीज़ है जिसे आप न चाहते हुए भी, एपिसोड दर एपिसोड देखते रहेंगे। आप इसमें इस कदर खो सकते हैं कि आप चाय या खाना जैसी जरूरी चीजें भूल जाते हैं।

Grahan review: An impactful series that finds resonance in today's India |  Entertainment News,The Indian Express

बोकारो स्टील सिटी में रहने वाले और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कानून विभाग में पढ़ने वाले सत्य व्यास को नई हिंदी कहानियों का अग्रणी कहा जाता है। जिन युवाओं ने फिर से पढ़ना छोड़ दिया है, उन्हें आकर्षित करने में सत्य की पुस्तकों की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सत्य की ही किताब चौरासी एक प्रेम कहानी है, जिसमें 1984 के दंगों में ऐसे ट्विस्ट एंड टर्न्स आते हैं कि पाठक 'बिंग रीडिंग' करता रहता है।

सत्या को अपनी किताबों पर फिल्में और वेब सीरीज बनाने के कई मौके मिले, लेकिन स्टार प्लस, आज तक, लाइफ ओके जैसे चैनलों के डिजाइनर और प्रोग्रामिंग हेड शैलेंद्र झा ने चौरासी पर अपनी पूरी राइटिंग टीम के साथ सत्या के साथ काम करते हुए नवीनतम-' ग्रहण' इस पर बना है।

Grahan Season 1 Review: A thoughtful revisit to the anti-Sikh violence of  1984

कहानी जटिल नहीं है। दिल्ली की गलियों में हज़ारों बेगुनाहों के ख़ून से सड़कों पर कीचड़ बनाया गया और लाशों की होली से सियासत की रोटी पकाई गई. राय बरेली, इंदौर, पटना, कानपुर और देहरादून शहरों में सेना के फ्लैग मार्च किए गए, जहां आतंकवादियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया। एक और शहर था जहां दंगा हुआ था लेकिन उसकी खबरें कम निकलीं- बोकारो।

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