रविवार का दिन हर किसी के लिए खुशी और आराम भरा होता है क्योंकि रविवार को सभी काम से फ्री होते हैं और रविवार को छुट्टी होती है। रविवार को स्कूल के बच्चे, दफ्तर में काम करने वाले सभी की छुट्टी होती है। सालों से हम देखते आ रहे हैं कि रविवार को सब अपने काम से फ्री रहते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा कि हमारी छुट्टी किसी और दिन क्यों नहीं होती है, सिर्फ रविवार को ही हमारी छुट्टी क्यों होती है। आज हम आपके इस सवाल का जवाब देंगे जिसके बाद आपके मन की सारी शंकाएं दूर हो जाएंगी।

सिर्फ भारत ही नहीं दुनियां के कई देशों में रविवार को ही छुट्टी होती है, अधिकतर देश रविवार को ही अपने सारे कामों को आराम देते हैं। आइए जानते हैं ऐसा कब से हो रहा है और ऐसा ही क्यों होता है?

रविवार को छुट्टी देने का पहला रविवार 10 जून 1890 को था जिस दिन से पहली बार रविवार को छुट्टी की शुरूआत हुई थी जिसके बाद से आज तक हर रविवार को छुट्टी होती है। बात अंग्रेजी हुकूमत के दिनों की है जब मजदूर हर दिन काम करते थे इसके बाद मजदूरों के नेता नारायण मेघाजी लोखंडे ने एक आंदोलन चलाया और सप्ताह में किसी एक दिन काम से छुट्टी मांगी।

अंग्रेजों के इनकार करने के बाद ये आंदोलन 7 साल तक चला औऱ आखिर में सरकार झुक गई और सप्ताह में एक दिन रविवार को छुट्टी देने के लिए अधिकारिक घोषणा कर दी।

इसके अलावा रविवार को ईसाई समाज के लोग गिरिजाघर में जाकर पूजा करते हैं तो इस लिहाज से भी रविवार को ही छुट्टी का दिन माना गया और शुरूआत की गई।

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