इंटरनेट डेस्क। यूजीसी यानि कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन, हर कॉलेज जाने वाले छात्र ने इसका नाम तो सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूजीसी क्या है और यह कैसे काम करती है। भारत की शैक्षणिक दुनिया में इसकी भूमिका क्या है। आज हम आपके सारे सवालों का जवाब यहीं दे देंगे बस आखिर तक पढ़ते जाइए।

यूजीसी एक सांविधिक निकाय है जिसे 1956 में शुरू किया गया था। यह भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत में विश्वविद्यालय लेवल की एजुकेशन के मानकों को बनाए रखा जा सके। यूजीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके अलावा अब तक इसके कार्यालय कोलकाता, नई दिल्ली और बैंगलोर समेत सभी प्रमुख शहरों में स्थित हो चुके हैं।

आजादी के बाद भारत सरकार ने सोचा कि शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा से पीएचडी डिग्री तक के उच्चतम स्तर पर ले जाने के लिए अधिकतम महत्व दिया जाना चाहिए। यही कारण है कि वो एक ऐसी संस्था को बनाना चाहते थे जो सुनिश्चित करेगा कि भारत में शिक्षा एक निश्चित मानक को पूरा करती है।

1957 में लगभग सभी विश्वविद्यालय यूजीसी के नियंत्रण में आए। यह देश में एकमात्र अनुदान संस्थान है। यह फंड प्रदान करता है और यह भारत में विश्वविद्यालयों के समन्वय और रखरखाव की भी व्यवस्था करता है।

क्या करता है यूजीसी-

विश्वविद्यालयों में अनुसंधान, शिक्षण और परीक्षा के मानकों को बनाए रखना।

विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देना।

देश में शिक्षा के न्यूनतम मानकों को बनाए रखने के लिए नियम बनाना।

केंद्र सरकार और उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच एक लिंक की तरह काम करना।

भारत जैसे विशाल देश में जहां हजारों कॉलेज छात्र हर साल कई तरह के कोर्स से निकलते हैं तो ऐसे में यह सुनिश्चित करना असंभव है कि एक सामान्य मानक को बनाए रखा जाए।

यूजीसी लगभग आधी सदी के लिए सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभा रहा है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा। यह सुनिश्चित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है कि इन सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षा समान है यह सुनिश्चित करने के लिए कि शिक्षक समान रूप से अच्छे हैं। यही कारण है कि इनमें से किसी भी कॉलेज में व्याख्याता नियुक्त करने से पहले यूजीसी की अंतिम मंजूरी की आवश्यकता है।

कितने संस्थान हैं यूजीसी के कंट्रोल में-

यूजीसी द्वारा नियंत्रित पूरी तरह से सोलह संस्थान हैं। उनमें से कुछ का नाम एआईसीटीई, आरसीआई, डीसीआई आदि है। यह इन कॉलेजों को फंड भी देता है। इन संस्थानों में शिक्षा की बात आने पर यूजीसी का फैसला अंतिम माना जाता है। 2009 में यह प्रस्तावित किया गया था कि यूजीसी बंद होनी चाहिए और इसके बाद अब 2018 में भी इसके लिए विचार चल रहा है।

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