चाणक्य एक विद्वान और बड़े नीतिकार थे और उन्होंने अपनी नीतियों में कई बातों का ज्ञान दिया है। लोग उनकी नीतियों को अनुसरण करते हैं। इनकी नीतियों में कई चीजों से जुड़ी बातों का ज्ञान दिया गया है। आज हम आपको चाणक्य नीति के उन सूत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे अपना कर आप सफल और विद्वान बन सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।

1. किसी भी काम को करने से पहले इंसान को उस बारे में अच्छे से सोच लेना चाहिए। काम की शुरुआत से पहले दिमाग में इस बारे में सोचे कि मैं ये काम क्यों कर रहा हूँ, क्या मैं इसमें सफल हो पाऊंगा, और इसके क्या परिणाम होंगे? यदि आप इन तीनों बातों को सोचते हैं तो आप जीवन में कभी असफल नहीं होंगे।

2. ये दुनिया एक कड़वे वृक्ष के समान है और इसमें केवल 2 ही मीठे फल है, पहली मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति।

3. व्यक्ति जन्म लेता है और मर जाता है। इस संसार में रह कर मनुष्य जो भी कर्म करता है उन सब कर्मों का फल उसे अकेले ही भुगतना पड़ता है।

4. कुबेर भी अगर आय से ज्यादा व्यय करे, तो कंगाल हो सकता है। अर्थात मनुष्यों को अपने खर्चों का निर्धारण अपनी आय के अनुसार ही करना चाहिए। यदि मनुष्य अपनी कमाई से अधिक खर्च करेगा तो उसे कंगाल होते देर नहीं लगेगी।

5. दुनिया में कोई तुम्हारा मित्र या शत्रु नहीं है। इंसान के खुद के विचार इसके लिए अधिक जिम्मेदार हैं। क्योकिं हम अपने विचारों से ही लोगों को मित्र या शत्रु मान लेते हैं।

6. अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसको अपने आपको जहरीला दिखाना चाहिए। अर्थात सांपों में आत्मरक्षा के लिए जहर होता है। यदि कोई सांप जहरीला नहीं भी है तो उसे अपने आपको जहरीला दिखाना चाहिए जिस से वह खुद की आत्मरक्षा कर सके। इसी तरह मनुष्य को भी आवयश्कता से अधिक सीधा नहीं होना चाहिए जिस से कि दुनिया उसका फायदा उठा सके।

7. शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है। इस से चाणक्य कहना चाहते हैं कि जीवन में सबसे जरूरी शिक्षा ही है।

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