किसी भी इंसान के लिए सबसे मुश्किल वक्त एग्जाम का होता है। वैसे हम स्कूल के एग्जाम की बात नहीं कर रहे है , आज हम ऐसे एग्जाम की बात कर रहे है जिन्हें क्लियर करना किसी भी इंसान के जंग से कम नहीं होता है, ऐसा क्यों वो इसलिए क्योंकि ये बहुत ही ज्यादा कठिन मानी जाती हैं। आज हम आपको ऐसे ही दुनिया के 5 सबसे कठिन एग्जाम की जानकारी देंगे।

सिस्को नेटवर्किंग विशेषज्ञता: आपने कभी सोचा है आठ घंटे का एग्जाम जी हां, ये होता है नेटवर्किंग की मास्टर कंपनी सिस्को में। नेटवर्क इंजीनियरिंग के लिए इस परीक्षा को पास करना जरूरी होता है। इस परीक्षा के आयोजन के दो चरण होते हैं। जो कि 6 अलग-अलग भागों में विभाजित होते हैं। इस कठिन एग्जाम का मुख्य उद्देश्य प्रतियोगी के हर एक क्षेत्र में अनुभवों और उसके ज्ञान को देखा जाता है। इस एग्जाम का सबसे मुश्किल वक्त प्रेक्टिकल का होता है जो करीब 8 घंटों का होता है जो किसी के लिए भी एक मुश्किल चुनौती से कम नहीं है।

मेन्सा: प्रत्येक देश की अपनी मेन्सा सोसायटी होती‌ है जो कि दुनिया की सबसे पुरानी आइक्यू IQ सोसायटी मानी जाती है। मेन्सा सबसे कठिन एग्जाम में एक माना जाता है। इस एग्जाम में भाग लेने की कोई भी आयु निश्चित नहीं है। किसी भी व्यक्ति को मेन्सा सोसायटी का सदस्य बनने के लिए एग्जाम में कम से कम 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होते हैं।

आईईएस इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज: ये भारत सरकार के अंतर्गत होने वाला एग्जाम है। ये एग्जाम यूपीएससी की परीक्षा के अंतर्गत चार चरणों में होती हैं। यूपीएससी के अंतर्गत होने वाले इस एग्जाम में छह चरणों के एग्जाम होते हैं। इस एग्जाम में हजारों लोग भाग लेते हैं, लेकिन ये एग्जाम इतना कठिन होता है कि कि केवल चंद लोग ही इसे क्लियर करके करियर बना पाते हैं।

गौका एग्जाम: दुनिया के सबसे कठिन एग्जाम की सूची में गौका का नाम भी है। गौका चीन में एक अनिवार्य एग्जाम माना जाता है। जिसमें उच्च शिक्षा की चाह रखने वाले प्रत्येक स्टूडेंट को शामिल होना पड़ता है। चीन में होने वाला ये एग्जाम दो दिनों में 9 घंटे से ज्यादा समय तक चलती है।

आईआईटी मेन्स: आईआईटी यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अंतर्गत होने वाला मेन्स का एग्जाम सबसे कठिन एग्जाम्स की सूची में शामिल है। इस एग्जाम में वो लोग शामिल होते हैं वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई आगे आईआईटी के संस्थानों में करना चासते है इसमें चार-चार घंटों के दो ऑब्जेक्टिव एग्जाम होते हैं, जिन्हें सॉल्व करना माउंट एवरेस्ट में चढ़ने के बराबर हूं।

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