भारतीय महिलाएं बिजनेस से लेकर आंत्रप्रेन्योरशिप तक हर क्षेत्र में पुराने स्टीरियोटाइप को तोड़ते हुए हर जगह अग्रणी तौर पर काम कर रही है। हालांकि किसी भी तरह के व्यवसाय में उतरना और उसे चलाना आसान नहीं है, लेकिन पिछले कुछ सालों से महिलाओं ने यह साबित कर दिया कि वो कुछ भी कर सकती है।

आज हम भारत की इन्हीं 3 महिला आंत्रप्रेन्योर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने समाज को एक बार सोचने पर मजबूर कर दिया। आइए जानते हैं।

1) एकता कपूर

अपने करियर की शुरूआत में भारतीय टेलीविजन में जाने-माने निर्माता और निर्देशक "क्योंकि सास भी कभी बहू थी", "हम पांच" और "कहानी घर-घर की" जैसे हिट टेलीविजन शो देने वाली एकता को टीवी जगत में कौन नहीं जानता है। बाद के सालों में एकता ने फिल्मों का निर्माण किया और बालाजी टेलीफिल्म्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक पद पर काम किया। इन्होंने कई फिल्मों में पैसे लगाए और बॉलीवुड में एक सफल करियर की ओर आगे बढ़ती चली गई। 43 साल की उम्र में वह भारत में सबसे सफल महिला आंत्रप्रेन्योर मानी जाती है।

2) किरण मजूमदार शॉ

एक अरबपति! बैंगलोर में बायोटेक्नोलॉजी कंपनी बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष और प्रबंधक निदेशक के पद पर काम करने वाली किरण ने अपने करियर को औद्योगिक एंजाइम विनिर्माण कंपनी के रूप में शुरू किया और धीरे-धीरे इसे भारत में बायोफर्मास्यूटिकल कंपनी में बदल दिया।

साल 2015 में फोर्ब्स द्वारा घोषित दुनिया की 85वीं सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में भी जगह बनाई। वहीं साल 2014 में उन्हें विज्ञान और रसायन शास्त्र में उनके सफल योगदान के लिए ओथमेर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था। डिग्री के बाद, उन्होंने मेलबर्न और भारत में कई प्रशिक्षुओं के लिए काम किया, एक प्रशिक्षु के रूप में, काम सीखा और धीरे-धीरे अपनी खुद की औद्योगिक एंजाइम कंपनी शुरू की।

3) सबिना चोपड़ा

क्या आपने यात्रा.कॉम का नाम सुना है जो कि एक ट्रेवल वेबसाइट है तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने इनके बारे में नहीं सुना है। सबिना चोपड़ा शीर्ष दस महिला आंत्रप्रेन्योर में गिनी जाती है।

उन्होंने अपने करियर के 25 से अधिक सालों के अनुभव के साथ खोज की है और इसलिए हाल ही में 2017 में उन्हें विनिमय कंपनी आरसीआई में प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था। 2010 से लगभग हर साल उन्हें आतिथ्य और पर्यटन के लिए सम्मानित किया जाता रहा है।

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