इंटरनेट डेस्क। देश में पीएचडी करने वाले छात्रों के लिए एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है जिसके अनुसार सरकार अब पीएचडी में किसी भी प्रकार की धांधली को रोकने के लिए सख्त नियम होने जा रही है।

एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हाल ही में कहा कि केंद्र सरकार ने पीएचडी सिद्धांतों में साहित्यक चोरी को रोकने के लिए 'टर्निटिन' सॉफ्टवेयर की मदद लेने का फैसला किया है।

इसके अलावा उनका कहना था कि जिन लोगों के अपनी पीएचडी या रीसर्च के दौरान किसी भी प्रकार की चोरी की तो उन्हें आने वाले दिनों में डॉक्टरेट की डिग्री नहीं दी जाएगी।

केंद्र सरकार का मानना है कि पिछले काफी सालों से पीएचडी प्रोग्राम में कुछ गड़बड़ियां चल रही है और कई तरह की चोरी की खबरें भी सामने आई है जिसको देखते हुए वो अब मजबूत कदम उठा रही है।

अक्सर ऐसा देखा गया है कि किसी व्यक्ति की पीएच.डी. थीसिस का कुछ अन्य लोगों अपनी थीसिस बोलकर गलत इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि वे अपनी पीएचडी को पूरा कर सकें।

सरकार का ये भी कहना है कि इस तरह के मामलों में पिछले सालों में बढ़ोतरी हुई है और इस तरह के मामलों से बचने के लिए ही अब 'टर्निटिन' सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी।

'टर्निटिन' की मदद से किसी की थीसिस चोरी होने या किसी औऱ की थीसिस को खुद की बताकर देने से पता लग जाएगा और हर तरह की चोरी का पता लगाया जा सकता है।

इस तरह सरकार का ये ही मानना है कि इस पूरे सिस्टम के आने के बाद पीएचडी में होने वाली चोरी रोकी जा सकेगी। अब देखना ये होगा कि सरकार का ये सॉफ्टवेयर किस हद तक चोरियों पर लगाम लगा पाता है।

Related News