ऐसे बन सकते हैं भारत में टीचर, देनी पड़ती है ये परीक्षाएं
पिछले दशकों में भारत में टीचिंग के पेशे में काफी बदलाव हुए हैं। यह बदलाव कुछ तो इस पेशे को व्यवस्थित बनाने और कुछ भारत सरकार की चलाई जा रही योजनाओं को लागू करने के लिए हो रहे हैं।
भारत में शिक्षक बनने के मानदंडों को समझने के लिए सभी तरह की परीक्षाओं के बारे में समझना होगा तभी हम अपने लक्ष्य के करीब पहुंच सकते हैं। अलग-अलग नियम और प्रतिस्पर्धी परीक्षाएं हैं जिन्हें आपको अलग-अलग स्कूल और कॉलेज के शिक्षक बनने के लिए पास करना होता है।
स्कूल शिक्षकों के लिए भारत में शिक्षक ग्रेड क्या हैं?
शिक्षक नौकरी के लिए, शिक्षकों को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: पीआरटी - प्राथमिक शिक्षक, टीजीटी - ग्रेजुएट टीचर और पीजीटी - पोस्ट ग्रेजुएट टीचर।
एक स्कूल शिक्षक बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता-
जिन लोगों ने एजुकेशन (डीएड) में डिप्लोमा के साथ-साथ अपनी क्लास 12 को पूरा कर लिया है वे PRT बन सकते हैं। इसके अलावा स्नातक TGT और स्नातकोत्तर पीजीटी बनने के लिए योग्य होते हैं।
TET-
शिक्षक पात्रता परीक्षा जिसका मतलब होता है टीईटी, यह परीक्षा राज्य और केंद्रीय दोनों स्तरों पर आयोजित की जाती है। प्रत्येक राज्य में राज्य विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक टीईटी है। प्रत्येक राज्य ने अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग राज्य निर्धारित पाठ्यक्रमों के साथ यह परीक्षा आयोजित की जाती है। लगभग 20 राज्य भारत सरकार के नियमों के अनुसार हर साल इस परीक्षा का संचालन करते हैं।
CTET-
पूरे देश में शिक्षण नौकरियों में शिक्षकों की भर्ती के लिए सीटीईटी आयोजित की जाती है।
कहां- देश के लगभग 92 शहरों में लगभग 20 भाषाओं में सीटीईटी आयोजित की जाती है।
कौन करता है- केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) हर साल इस परीक्षा को आयोजित करता है।
क्यों- यह क्लास 1 से 8 तक की क्लासों में पढ़ाने के लिए उम्मीदवारों का चयन करता है।
योग्यता: BElEd या BED
कॉलेज लेक्चरर्स के लिए शिक्षक ग्रेड-
यूजीसी नेट
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा इस साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित की जाएगी। यह कॉलेज स्तर के लेक्चरार के लिए सहायक प्रोफेसरों और जूनियर रिसर्च फैलो की भर्ती के लिए आयोजित की जाती है।