कल सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली संवैधानिक खंडपीठ ने 'आधार' को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर अपना फैसला सुनाया, जिसमें अब तक 118 करोड़ से अधिक लोगों को नामांकित हो चुके है। जजों ने आधार परियोजना का समर्थन किया और इसे वैध बताया। हालाँकि सुनवाई में यह निर्णय भी दिया गया कि आधार कार्ड की कमी के आधार पर किसी व्यक्ति को उसके व्यक्तिगत अधिकार देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। आइये जानते है सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब किन जगहों पर आधार कार्ड की जरूरत होगी और किन जगहों पर इसकी जरूरत नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से पहले प्राइवेट कंपनियों में आधार की जरूरत होती थी, जिसे अब कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है। अदालत के नए फैसले के अनुसार, निजी संस्थाएं व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करने के लिए आधार की जानकारी का उपयोग नहीं कर सकती है।

बैंक में खाता खोलने या मोबाइल कनेक्शन प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य नहीं किया जा सकता है।

स्कूल में बच्चे के प्रवेश के लिए आधार जमा कराना अनिवार्य नहीं हैं। सीबीएसई, यूजीसी और एनईईटी परीक्षा में उपस्थित होने के लिए भी आधार आवश्यक नहीं है। किसी बच्चे को आधार नहीं होने पर किसी भी योजना का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

हालाँकि कोर्ट के नए फैसले के अनुसार इनकम टैक्स भरने और स्थायी खाता संख्या (पैन कार्ड) के लिए आवेदन करते समय आधार आईडी की जानकारी देना अनिवार्य है।

इसके अलावा सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी और अन्य लाभकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार की जरूरत होगी।

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