एचआरडी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचआईआई) में रिपोर्ट की गई रैगिंग की शिकायतों की संख्या पिछले तीन सालों में दोगुनी हो गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज राज्यसभा में लिखित प्रश्न के जवाब में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को दी गई शिकायतों पर डेटा साझा किया। 2015 में प्राप्त रैगिंग की शिकायतों की संख्या 423 थी, जिनमें से अधिकांश पश्चिम बंगाल से हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2016 में यह संख्या 515 हो गई और 2017 में 901 हो गई।

पिछले साल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से अधिकतम शिकायतें प्राप्त हुईं। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान यूजीसी द्वारा प्राप्त रैगिंग की कुल 1,839 शिकायतों में से, छात्रों को 30 9 मामलों में निलंबन सहित 812 मामलों में दंडित किया गया।

तीन वर्षों के दौरान, नागालैंड, अंडमान और निकोबार, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली और लक्षद्वीप में संस्थानों या विश्वविद्यालयों से कोई शिकायत नहीं मिली।

रैगिंग की शिकायत मिलने पर संबंधित शैक्षणिक संस्थान घटना की जांच और जांच करने और संस्थान को एक रिपोर्ट जमा करने के लिए एक एंटी रैगिंग कमेटी का गठन करता है। रिपोर्ट के आधार पर, संस्था अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करती है और यदि अनुरोध किया गया है कि एचआरडी मंत्रालय या यूजीसी को एक कार्रवाई की गई रिपोर्ट भेज दी जाए।

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