कब किस जगह कोई प्राकृतिक आपदा आ जाए, इस बात का किसी को कोई अंदाजा नहीं है। इन आपदाओं के बढ़ने के साथ इन समस्याओं से निपटने वालों की भूमिका भी काफी खास हो गई है। इस समस्या से निपटने वालों को ही डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशन कहा जाता है। इन लोगों को खास परिस्थिति से निपटने के लिए ट्रेंड किया जाता है। इन लोगों का काम लोगों की जिंदगी बचाना होता है।

क्‍य होता है डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशन वालों का काम:

आपातकालीन परिस्थितियों को सुधारने का काम और लोगों की जिंदगी को बचाने का काम इन्ही लोगों का होता है। आपदा पीडि़तों को तुरंत बचाने, राहत पहुंचाने और उनकी जरूरतें पूरी करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इन लोगों को घायलों का इलाज भी करना होता है। इन्हे आप दूसरे शब्दों में फरिश्ता कह सकते हैं।

कब हुई इसकी पहल

ह्यूमन रिसोर्सेज मिनिस्ट्री ने दसवीं पंचवर्षीय परियोजना में डिजास्टर मैनेजमेंट को प्रोफेशन और स्कुल एजुकेशन में शामिल किया था। सीबीएसई सेंट्रल बोर्ड एजुकेशन बोर्ड ने इसे छोटी क्लास के सिलेबस में जोड़ा और गवर्नमेंट और नॉन गवर्नमेंट हाई एजुकेशन इंस्‍टीट्यूट में भी डिजास्टर मैनेजमेंट की पढाई होने लगी है।

डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े कोर्स:

देश के कई मैनेजमेंट इंस्‍टीट्यूट डिजास्टर मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट से लेकर पीजी डिप्लोमा लेवल के कोर्स कराते है। आप भी यदि इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं आप भी किसी भी इंस्‍टीट्यूट में ये कोर्सेज कर सकते हैं।

एलिजिबिलिटी

इस कोर्स के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट को सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 12वीं पास की डिग्री होना आवयश्क है और मास्टर या पीजी डिप्लोमा के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है।

संभावनाएं

डिजास्टर मैनेजमेंट के बाद आप सरकारी नौकरियां कर सकते हैं इनमे आपातकालीन सेवाओं में लॉ इन्फोर्समेंट, लोकल अथॉरिटीज, गैर सरकारी संस्‍थानों, रिलीफ एजेंसी और यूनाइटेड नेशन जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों में नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा कई प्राइवेट सेक्टर्स में भी नौकरी मिल सकती है।

प्रमुख संस्‍थान:

  • इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), नई दिल्ली
  • नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ डिजास्‍टर मैनेजमेंट, नई दिल्‍ली
  • इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मद्रास यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  • नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी, दार्जिलिंग

Related News