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सिविल सेवा की परीक्षा पास करना भारत में प्रतियोगी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हर छात्र का सपना होता है। सिविल सेवा की परीक्षा भारत की सबसे पुरानी परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा के जरिये आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसे अधिकारीयों का चयन किया जाता है। चूँकि इसकी परीक्षा में हर साल लाखों छात्र उपस्थित होते है इसलिए इनके चयन की प्रक्रिया तो सभी को पता होती है लेकिन इनके काम में क्या अंतर है और इन पदों के लिए कितनी सैलरी मिलती है, इसकी जानकारी कम लोगों को होती है। आज हम आपको इन पदों के प्रमुख अंतर और इनकी सैलरी से जुडी कुछ बातें बता रहे है -

आईएएस और आईपीएस को लोक सेवा अधिकारी भी कहा जाता है। हालाँकि ये दोनों ही भूमिकाएं अलग अलग होती है और इनके वेतन में भी काफी अंतर होता है। अगर आप इन पदों पर काम करना चाहते है तो इसके लिए आपको संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस के पद पर चुना जाता है जिनका काम संसद में बनने वाले कानून को अपने इलाकों में लागू करवाना होता है।

वहीं अगर आईपीएस अधिकारी की बात करें तो इनका काम अपने कार्यक्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना होता है। एसपी से लेकर आईजी, डिप्टी आईजी, और डीजीपी तक इस श्रेणी में आते है। अगर आईएफएस अधिकारी की बात करें तो वे विदेश मंत्रालय के तहत कई मामलों को लेकर काम करते हैं। आईएफएस ऑफिसर बनने के लिए आपको यूपीएससी परीक्षा पास करने के तीन साल की ट्रेनिंग करनी होती है।

अगर इन पदों की सैलरी की बात करें तो आईएएस का वेतन जूनियर और सीनियर स्केल और टाइम स्केल जैसी कई बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है। इसके साथ ही उसे एचआरए, डीए, टीए और कई अन्य भत्ते भी मिलते है वहीं आईपीएस ऑफिसर को पीएफ, ग्रैच्युटी, पेंशन, सर्विस क्वार्टर और कई अन्य सुविधाएं भी मिलती है।

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