ये बड़ी हस्ती बनेगा Jio Institute का वाइस चांसलर, एडमिशन लेने वालों का भविष्य होगा गुलजार
रिलायंस फाउंडेशन द्वारा कागजों पर प्रस्तावित संस्थान जियो इंस्टीट्यूट, एक के बाद एक अपनी व्यावसायिक योजनाओं की बड़ी घोषणा के साथ काफी लोगों को चकित करता आ रहा है। जियो इंस्टीट्यूट की तरफ से पहले एडमिशन और कोर्स के बारे में बताया गया उसके बाद अब संस्थान की तरफ से एक और घोषणा की गई है।
मुकेश अंबानी के रिलायंस फाउंडेशन की तरफ से अब संस्थान के पहले आधिकारिक सदस्य का नाम सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान किया है। कंपनी ने एक प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिक रघुनाथ ए माशेलकर का नाम रखा है जो गैर-मौजूदा जियो इंस्टीट्यूट के लिए चांसलर पद का पदभार ग्रहण करेंगे।
वर्तमान में यह वैज्ञानिक भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत नेशनल इनोवेटिव फाउंडेशन का नेतृत्व कर रहे हैं।
जियो इंस्टीट्यूट के वाइस-चांसलर चुने गए-
इतना ही नहीं, अभी तक बिना स्थापित हुए जियो इंस्टीट्यूट को अपना वाइस चांसलर मिल गया है। बैंकॉक में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व निदेशक दीपक सी जैन का नाम भी सामने आ रहा है जो कि जियो इंस्टीट्यूट में किसी पद को लेने जा रहे हैं।
रघुनाथ ए माशेलकर के बारे में-
रघुनाथ ए माशेलकर एक केमिकल इंजीनियर हैं जो कि 1995 से 2006 तक वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक के रूप में कार्य रहे थे। वह 1988 से 1990 और 2004 से 2014 तक प्रधान मंत्री वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।
2006 में सीएसआईआर के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद, माशेलकर 2007 में रिलायंस इंडस्ट्रीज में अपने बोर्ड के एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में शामिल हो गए थे और तब से वह रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े रहे हैं।
इंस्टीट्यूट के लिए अन्य सदस्य-
एक रिपोर्ट के अनुसार जियो इंस्टीट्यूट में प्रोवोस्ट, डीन रिसर्च, कार्यकारी उपाध्यक्ष और जीसी और रिलायंस फाउंडेशन के कई उम्मीदवार भी शामिल होंगे।
1000 छात्रों से 100 करोड़ हासिल किए जाएंगे-
हाल ही में, जियो इंस्टीट्यूट ने छात्रों से फीस लेने और अपने कोर्स के बारे में जानकारी दी जिसके तहत संचालन के पहले साल में लगभग 1000 छात्रों द्वारा 100 करोड़ रूपये कमाए जाने का प्लान है। संचालन के पहले साल में 154 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इसके अलावा जीईओ इंस्टीट्यूट टू टीचर्स के तहत रिलायंस फाउंडेशन के दावे के मुताबिक, यह शीर्ष 500 वैश्विक विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को भी हायर करने जा रहा है।
आपको बता दें कि प्रकाश जावड़ेकर ने इस साल 9 जुलाई को एमिनेन्स की सूची में शामिल होने के लिए जियो इंस्टीट्यूट की घोषणा की थी। इसके बाद जियो इंस्टीट्यूट की काफी आलोचना भी हुई थी जिसको कि बनने से पहले इस तरह का टैग दे दिया गया था।
बाद में, एमएचआरडी ने एक दस्तावेज जारी किया जिसमें पैरामीटर का दावा किया गया था जिसके तहत जियो इंस्टीट्यूट 'प्रतिष्ठित संस्थान' बन गया।