दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का तापमान इतना कम होता है कि खून भी जम जाए, ऐसे में नहाना तो दूर की बात है। इसलिए यहां तैनात जवानों को नहाने के लिए तीन महीने तक इंतजार करना पड़ता है। लेकिन अब सियाचिन में तैनात जवानों को नहाने के लिए इंतजार नहीं करना होगा।

हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने करीब 3,000 सैनिकों को सिय‍ाचिन में तैनात रखा है और यहां पर तापमान -60 डिग्री से भी नीचे चला जाता है। सियाचिन रणनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी अहम है और इसलिए इसकी सुरक्षा में रोजाना करीब सात करोड़ रुपए का खर्च आता है। जवानों को यहां तक पहुंचने के लिए 28 दिनों तक चलना पड़ता है। इतने दिनों में वह करीब 128 किलोमीटर तक चलते हैं और तब कहीं जाकर पोस्‍ट पर पहुंच पाते हैं।

वॉटरलेस बॉडीवॉश
भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक, सियाचिन में तैनात हर जवान करीब 90 दिनों तक स्नान नहीं कर पाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है, सेना के जवान वॉटरलेस बॉडी हाइजीन प्रॉडक्‍ट्स मिलने के बाद कम से कम हफ्ते में दो बार नहा सकते हैं।

सैन्य अधिकारियों का कहना है कि करीब 20 मिलीलीटर जेल से पूरी बॉडी को वॉश किया जा सकेगा। आर्मी डिजाइन ब्‍यूरो यानि एडीबी ने इस वॉटरलेस बॉडी वॉश को तैयार किया है। गौरतलब है कि सियाचिन नामक यह युद्धक्षेत्र भारत के लिए कश्मीर से ज्यादा महत्व रखता है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि 1984 के बाद से सियाचिन पर घुसपैठ और कब्‍जे की कई कोशिशें हो चुकी हैं। कश्मीर से अलग सियाचिन का इलाका भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले तीन दशक से जंग का मैदान बना हुआ है।

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