डिजिटल क्रांति से हुआ भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
दोस्तों आज भारत शिक्षा के क्षेत्र में लगातार विकास कर रहा है। स्वतंत्रता के बाद से भारत में शिक्षा काफी ऊँचा हुआ है। भारत 15 अगस्त को 72वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। इस मौके पर आज हम आपको स्वतंत्रता के बाद का शिक्षा स्तर बताने जा रहे है।
स्वतंत्रता के बाद से भारत अपने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार विकास कर रहा है। भारत की वर्तमान साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत है। स्वतंत्रता के समय यह मात्र 12 प्रतिशत थी। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 प्रतिशत और महिलाओं की साक्षरता दर 65.46 प्रतिशत है। भारत शिक्षा के क्षेत्र को हरित क्रांति दूसरी सबसे बड़ी क्रांति माना जाता है।
आपको बता दें, वह दिन गुजर गए हैं, जब कक्षा में प्रशिक्षण पाठ्य पुस्तकों द्वारा कराया जाता था। शिक्षक अपनी बातों को समझाने के लिए ब्लैकबोर्ड का इस्तेमाल करते थे और छात्र उन शब्दों को अपनी कॉपियों पर लिखते थे। सीखने के लिए छात्र अध्यापन और पारंपरिक रूप से कार्य-आधारित तरीकों के लिए शिक्षकों पर आधारित रहते थे और लिखने और याद करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते थे।
हालांकि अब ज्यादातर स्कूलों में चाक का उपयोग न के बराबर हो गया है। आजकल डिजिटल शिक्षण जैसे पीपीटी, वीडियों प्रस्तुतियों, ई-लर्निंग विधियों, अभ्यास संबन्धी डेमो, ऑनलाइन प्रशिक्षण और अन्य डिजिटल पद्धतियों या प्लेटफार्मों के उपयोग के साथ कक्षा में शिक्षण अत्यधिक संवादात्मक हो गया है।