जिला कलेक्टर या जिलाधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अंतर्गत काम करने वाले नौकरशाह होते हैं। जिला कलेक्टर को एक प्रभावशाली अधिकारी माना जाता है और पूरे जिले की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की ही होती है। भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों में जिला कलेक्टर की भर्ती की जाती है।

जिले की कानून व्यवस्था को संभालना इनके हाथ होता है। इसके अलावा ये मानव निर्मित और प्राकृतिक संकट के मैनेजमेंट के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।

जिला कलेक्टर बनने के लिए क्या होती है परीक्षा?

जो कैंडिडेट जिला कलेक्टर बनना चाहते हैं उन्हें यूपीएससी द्वारा ली जाने वाली सिविल सर्विस एग्जाम देना होगा। इस एग्जाम में 3 लेवल होते हैं इनमे प्रिलिमाइनरी एग्जाम, मेन एग्जाम और इंटरव्यू शामिल होता है। हर साल सिविल सर्विस के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाता है।

कौन कर सकता है अप्लाई

जो भी कैंडिडेट्स इस एग्जाम के लिए अप्लाई करना चाहते हैं उन्हें इंडिया का कैंडिडेट होना जरुरी है। इसके अलावा उनकी उम्र भी 21 साल होनी चाहिए।

आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास ग्रेजुएशन की डिग्री होना भी जरूरी है। ग्रेजुएशन में लास्ट ईयर के स्टूडेंट भी ये एग्जाम दे सकते हैं। इसके अलावा आरक्षित जाति के लोगों के लिए अलग से कई तरह की सुविधाएं दी हुई होती है।

परीक्षा और इंटरव्यू के लिए कैसे करें तैयारी

एग्जाम से पहले सारे सिलेबस के अनुसार पढाई कर लें इसके बाद इंटरव्यू के लिए भी सभी पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। वहीं रोज न्यूजपेपर पढ़ कर और न्यूजचैनल देख कर खुद को प्रिपेयर करें।

सिलेबस के अनुसार जीके की भी तैयारी करें। इंटरव्यू में व्यक्तित्व परिक्षण का भी टेस्ट लिया जाता है। इसलिए, इस समय, उन्हें एक सच्चे और निष्पक्ष तरीके से जवाब देना चाहिए।

Related News