भारत के विकास की कहानी में कॉल सेंटर्स का काफी योगदान रहा है। भारत में कॉल सेंटर की शुरुआत लगभग 15-20 साल पहले हुई थी। आज कॉल सेंटर में नौकरी करना युवाओं के बीच एक लोकप्रिय करियर विकल्प है। जिन लोगों ने कभी कॉल सेंटर में जॉब नहीं की है, उन्हें कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों की लाइफ शानदार लगती है लेकिन वास्तव में इन लोगों की लाइफ कैसी होती है ? शानदार या बोरिंग ? आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे है -

कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों की लाइफ के बारे में जानने से पहले ये जान लीजिये कि कॉल सेंटर 2 तरह के होते है, डोमेस्टिक और इंटरनेशनल। डोमेस्टिक कॉल सेंटर हमारे देश में आधारित होते है जो कि फ़ोन सर्विस से लेकर बैंक और ई-कॉमर्स तक शामिल है। वहीं इंटरनेशनल कॉल सेंटर में यही काम किये जाते है बस दोनों में इतना सा फर्क है कि ये अलग अलग देशों के लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाते है।

कॉल सेंटर में काम करने के फायदे -

यदि आप डोमेस्टिक कॉल सेंटर में काम करते हैं, तो आपको अपनी ही भाषा बोलने वाले लोगों से बात करनी होती हैं, जो कि आपके लिए आसान हो सकता है। वहीं इंटरनेशनल कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को अलग अलग देशों की संस्कृति आदि से परिचित होने का मौका मिलता है।

जो युवा अधिक पैसे कमाना चाहते है और डबल शिफ्ट में काम कर सकते है, उनके लिए कॉल सेंटर में जॉब करना अच्छा विकल्प है। आप नाईट कॉल सेंटर में काम कर के थोड़ी बहुत नींद लेने के बाद दिन में कोई दूसरी नौकरी या फिर पढाई भी कर सकते है। इसके अलावा कॉल सेंटर में मिलने वाले सैलरी दूसरे जॉब में मिलने वाली सैलरी से बेहतर होती है।

कॉल सेंटर के नुकसान -

इस नौकरी के लिए आपको अपने घंटों तक एक जगह पर बैठ फोन पर बात करनी होती है। इसके अलावा जो लोग कॉल सेंटर में नाईट शिफ्ट में काम करते है, उनको अपनी दिनचर्या में पूरी तरह से बदलाव करना पड़ता है।

कॉल सेंटर में काम करने के बाद आपके लिए करियर में आगे बढ़ने के अवसर केवल इसी क्षेत्र में मिलते है। अगर आप कॉल सेंटर की जॉब छोड़कर किसी दूसरे फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते है, तो आपको वहां मिलने वाली सैलरी पर पोस्ट कम और छोटी हो सकती है। कॉल सेंटर में जॉब करने का आपकी सेहत को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।

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