कैसे बन सकते हैं डॉक्टर, कौनसा कोर्स करना होगा और कितनी आएगी लागत, जानिए
एमबीबीएस या डॉक्टरी सब से चुनौतीपूर्ण प्रोफेशंस में से एक है। एक डॉक्टर सभी के स्वास्थय का ध्यान रखता है। यह एक बहुत ही जिम्मेदारी वाला प्रोफेशन है। इस फील्ड में काफी पैसा भी है लेकिन इसके लिए आपको भी काफी सारा पैसा इन्वेस्ट करना होगा और मेहनत भी काफी करनी होगी।
डॉक्टर बनने के लिए आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना है।
1. मेडिकल के लिए प्रवेश परीक्षा
यदि आप मेडिकल फील्ड में प्रवेश करना चाहते हैं तो आपको MBBS में एडमिशन के लिए ऑल इंडिया लेवल और स्टेट लेवल पर परीक्षाएं देनी पडती हैं। कई बड़े संस्थान इन एग्जाम्स को खुद कंडक्ट करवाते हैं। ऑल इंडिया लेवल पर CBSE द्वारा हर वर्ष अप्रैल माह में आयोजित की जाने वाली ऑल इंडिया प्री मेडिकल ( AIPMT) प्री टेंटल टेस्ट सबसे प्रमुख परीक्षा है। भले ही आप 12वीं कक्षा में हो तो भी आप इस एग्जाम को फाइट कर सकते हैं इसके अलावा स्टूडेंट के पास 12वीं में बायोलॉजी सब्जेक्ट होना जरुरी है।
इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अभ्यर्थियों को कम से कम 50% अंकों के साथ बारहवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। उन्हें इंग्लिश भाषा की भी नॉलेज होनी चाहिए। इसके अलावा कैंडिडेट की एज 25 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। रिसर्वड कास्ट्स को 5 साल की छूट देने का भी प्रावधान बनाया गया है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि AIPMT में किसी भी कैंडिडेट को केवल तीन ही बार शामिल किया जा सकता है।
2. डॉक्टर बनने के लिये शैक्षिक योग्यता
- 12वीं क्लास में बायोलॉजी विषय से पास होना होगा
- 12वीं क्लास पास करने के बाद बैचलर ऑफ मेडिसन, बैचलर ऑफ सर्जरी यानी MBBS की पढ़ाई करनी होती है
3.MBBS कोर्स
MBBS कोर्स 4.5 साल का होता है। कोर्स को पूरा करने के बाद स्टूडेंट को किसी मेडिकल कॉलेज में 1 साल की इंटर्नशिप भी करनी होती है इसलिए यह पूरा कोर्स साढ़े 5 साल में पूरा करना पड़ता है। MBBS में सफल हो जाने के बाद आपको मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया (PCI) द्वारा डॉक्टर के रूप में MBBS की डिग्री मिल जाती है। इसे करने के बाद आप आगे रिसर्च भी कर सकते हैं।
मेडिकल एंट्रेस आयोजित कराने वाले प्रमुख संस्थान
- आल इंडिया प्री- मेडिकल टेस्ट (AIPMT)
- आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (AIIMS)
- उत्तर प्रदेश कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (UPCPMT)
- वर्धा मेडिकल कॉलेज
मेडिकल कोर्स
- एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडीसिन एंड सर्जरी बैचलर) - 5.5 साल
- बीडीएस (दंत चिकित्सा सर्जरी स्नातक) - 4 साल
- बीएचएमएस (होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी बैचलर) - 5.5 साल
- बीएएमएस (आयुर्वेदिक चिकित्सा और सर्जरी के स्नातक) - 5.5 साल
- एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) - 3 साल
- एमएस (सर्जरी का मास्टर) - 3 साल
- डीएम (चिकित्सा में डॉक्टरेट) - 2 से 3 साल
- बी फार्म (फार्मेसी के स्नातक) - 4 साल
- बीएससी नर्सिंग - 4 साल
- बीपीटी (फिजियोथेरेपी) - 4.5 साल
- बीओटी (व्यावसायिक थेरेपी) - 3 साल
- बम (यूनानी चिकित्सा) - 5.5 साल
- डी फार्म (आयुर्वेदिक, सिद्ध चिकित्सा) - 2 साल
- बीएमएलटी (मेडिकल लैब तकनीशियन के स्नातक) - 3 साल
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डॉक्टर बनने के बाद नौकरी के क्षेत्र
- बायोमेडिकल कंपनिया
- अस्पताल
- प्रयोगशालाएं
- अनुसंधान संस्थान
- मेडिकल कॉलेज