इंटरनेट डेस्क। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) देश भर के सभी राज्य शिक्षा बोर्डों के साथ मिलकर आने वाले सत्र में एक नया प्रोग्राम लाने जा रहा है। सरकार की तरफ से बताया गया है कि आने वाले सत्र से इस बार विशेष जरूरत वाले छात्रों के लिए एक नई व्यापक नीति लाने पर विचार किया जा रहा है।

बीती 4 जुलाई को अधिकारियों ने इस नीति को तैयार करने के लिए दिल्ली में एक मंथन सत्र में शामिल होने के बाद इसके बारे में बताया। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित सत्र में बोर्ड, एनजीओ, अक्षमता अधिकार कार्यकर्ता, विशेष जरूरत वाले छात्रों, विशेष शिक्षक और 50 स्कूल के प्रिंसिपल शामिल थे।

साइन लैंग्वेज के लिए इंटरप्रेटर-

जरूरतमंद छात्रों के लिए क्लासों के दौरान और परीक्षा के दौरान उनकी सुविधा के हिसाब से सीबीएसई द्वारा आयोजित आने वाले सत्र में एक इंटरप्रेटर लाया जाएगा जिससे उनको बहुत मदद मिलेगी।

पॉलिसी की अंतिम रिपोर्ट एमएचआरडी के सामने रखी जाएगी-

विशेष जरूरत नीति के साथ छात्रों के लिए सिफारिशें इन छात्रों के लिए नीति निर्णय की दिशा में अंतिम रिपोर्ट एमएचआरडी के सामने प्रस्तुत की जाएंगी जिसके बाद इस नीति के लागू होने की दिशा में आगे का विचार किया जाएगा।

सीबीएसई सत्र में क्या हुआ?

सीबीएसई के इस सत्र में अधिकारियों को छह कार्यकारी समूहों में विभाजित किया गया था जिसमें छात्रों के लिए विकलांगता विशिष्ट समर्थन योजना के बारे में चर्चा हुई। आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम 2016 में परिभाषित किए गए सारे नियम और सुविधा इस विकलांगता सत्र में भी शामिल किए गए थे।

इसके अलावा मंथन सत्र में प्रत्येक समूह को अधिनियम में परिभाषित होने वाली विभिन्न अक्षमताओं के लिए दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया गया था। फिलहाल इसको सीबीएसई का बहुत बड़ा फैसला माना जा रहा है अब देखना ये होगा कि ये किस तरह से लागू किया जाता है।

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