जब हम किसी एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं तो रोड के साइड पर हमें अलग अलग रंगों के पत्थर दिखाई देते हैं। इन पत्थरों पर आगे आने वाले शहरों के नाम और दुरी लिखी होती है। लेकिन इस बारे में हम सभी जरूर सोचते हैं कि इनका रंग अलग अलग क्यों होता है?

दरअसल भारत में सड़क बनाने की जिम्‍मेदारी 4 अलग - अलग अथॉरिटी के पास होती है। इसलिए उनके हिसाब से इन पत्थरों का रंग भी अलग अलग होता है। आइये जानते हैं कि इन अलग अलग रंग के पत्थरों का मतलब क्या होता है?

नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सेन्ट्रल गवर्नमेंट द्वारा कंट्रोल किया जाता है। इसको ऑपरेट करने का काम मिनिस्ट्री ऑफ़ रोड ट्रांसपोर्ट एन्ड हाइवे का होता है। इसलिए पीले पत्थर उन्ही सड़कों पर होते हैं जो कि नेशनल हाइवे या राष्ट्रीय राजमार्ग होते है।

स्‍टेट हाइवे

जिन सड़को का निर्माण स्टेट गवर्नमेंट द्वारा किया जाता है उन्‍हें स्‍टेट हाइवे कहते हैं। इन्हे कंट्रोल करने का काम स्टेट गवर्नमेंट का होता है। इसलिए हरे या सफेद रंग के पत्थर स्टेट हाइवे या राजमार्ग पर होते है।

डिस्‍ट्रिक सिटी रोड

सड़क के किनारे यदि सफेद और काले रंग का पत्‍थर दिखाई दे तो यह डिस्‍ट्रिक सिटी रोड है। शहर के केंद्रीय निकाय के पास इन सड़कों को बनाने के काम होता है।

रूरल रोड (PMGSY)

यदि आपको ऐसा रोड़ दिखाई दे जिसका ऊपर का हिस्‍सा लाल और नीचे का हिस्‍सा सफेद हो तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क है और ग्रामीण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी इस रोड को बनाने की होती है।

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