इंटरनेट डेस्क। आपने बिहार के आनंद कुमार द्वारा चलाया जाने वाले सुपर-30 प्रोग्राम के बारे में तो सुना ही होगा जहां बिहार के और देश के कई हिस्सों के पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को फ्री में आईआईटी की कोचिंग दी जाती है। अब इसी की तर्ज पर और बिहार के आनंद कुमार से प्रेरित होकर ओडिशा में 18 छात्रों के लिए ऐसे ही मेडिकल की फ्री की कोचिंग का सपना साकार किया गया है।

ओडिशा के रहने वाले अजय बहादुर सिंह ने मेडिकल के छात्रों के लिए ये पहल शुरू की है जिसके बाद ओडिशा के रहने वाले हर माता-पिता आज उनको धन्यवाद दे रहे हैं। कुछ समय तक चाय बेचने वाले अजय आज अपने क्षेत्र के 20 वंचित छात्रों को मुफ्त में मेडिकल की कोचिंग दे रहे हैं। इसका नाम उन्होंने “जिंदगी” रखा है।

अजय ने जिंदगी के पिछले आठ सालों की यात्रा को याद करते हुए कहा कि "मैंने 2010 में यह पहल शुरू की थी। शुरूआत में दो-तीन छात्र कोचिंग के लिए आए थे और छात्रों ने 2012 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था फिर उसके बाद इस साल, यहां से 18 छात्रों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की है"।

हर साल, जिंदगी से 20 छात्रों को मुफ्त में बोर्डिंग, आवास और कोचिंग की गई थी। सिंह ने कोचिंग शुरू करने के पीछे बताया कि उन्होंने यह पहल इसलिए शुरू की क्योंकि वह गरीबी के कारण डॉक्टर नहीं बन सके थे।

उनका कहना है कि "मेरे पिता एक इंजीनियर थे और वह मुझे डॉक्टर बनाने की इच्छा रखते थे। लेकिन दुर्भाग्य से उनको गुर्दे की समस्या थी और हमें गुर्दे के प्रत्यारोपण के लिए अपनी जमीनें तक बेचनी पड़ी थी। इसके बाद मुझे अपने परिवार को चलाने के लिए चाय तक बेचनी पड़ी थी। इसलिए, मैं कभी भी डॉक्टर बन नहीं पाया।

जिंदगी पहल को न केवल भुवनेश्वर में बल्कि पूरे ओडिशा में एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। आनंद कुमार की सुपर-30 पहल ने जहां दुनिया भर में कई लोगों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है मैंने भी कुछ ऐसा ही करने की शुरुआत की है।

समाज के वंचित वर्गों के गरीब छात्रों की मदद करने के लिए यह वास्तव में एक अद्भुत अनुभव है जो उस जगह से आते हैं और फिर मुख्यधारा में शामिल हो जाते हैं। मैं और मेरी टीम इस काम में पूरी तरह से समर्पित हैं।

इसके आगे अजय बोलते हुए कहते हैं कि मुझे जीवन में असंख्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हम गरीबी से पीड़ित थे लेकिन जिंदगी की मेरी इच्छा और मदद ने मुझे मेडिकल की प्रवेश परीक्षा पास करने में मदद ना की हों पर मेडिकल के छात्रों को कोचिंग देने का सपना आज मैं पूरा कर पाया।

पहल कैसे काम करती है?

भले ही अजय सिर्फ कॉलेज तक ही पढ़े हुए हैं लेकिन इनकी पहल में जो कोचिंग दी जाती है वो 15-20 टीचरों की एक टीम की तरफ से ही तैयार की जाती है। जिंदगी के लिए पैसे ओडिशा सरकार से आदित्य विज्ञान कॉलेज से आता है, जो इस ग्रुप की तरफ से चलाया जाता है। वे कॉलेज में पढ़ रहे लगभग 600 छात्रों के लिए फीस कलेक्ट करते हैं।

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