तमिलनाडु के कालिपट्टी गांव में रहने वाले मेघनाथन पी. अब डॉक्टर बन गए हैं। इन्होने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए काफी मेहनत की हैं। मेघनाथन ने उस कहावत को सच कर दिखाया हैं, जिसके लिए कहा जाता था कि, अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए आप यदि कड़ी मेहनत करते हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको आपके लक्ष्य को पूरा करने से नहीं रोक सकती।

बता दे, किसान के बेटे मेघनाथन को हाल ही में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में हुई कॉन्वोकेशन सेरेमनी में गोल्ड मेडल से नवाजा गया था। उन्हें पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में बेस्ट स्टूडेंट के लिए' शीतला चरण बाजपेयी गोल्ड' मेडल से सम्मानित किया गया था। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मेघनाथन ने अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष किया हैं।

डॉक्टर बनने के बाद मेघनाथन अपने गाँव में जाकर बच्चों के लिए सुख-सुविधाओं से युक्त हॉस्पिटल खोलना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि, उनके गाँव से अस्पताल की दूरी करीब 100 किलोमीटर हैं, जिसकी वजह से मैं गाँव के अंदर ही बच्चों के लिए एक अस्पताल बनवाना चाहता हूँ। मेघनाथन डस्टर बनने से पहले रात 2 बजे से सुबह 8 बजे तक पढ़ाई किया करते थे और अपने पिता के साथ खेतों में काम करने भी जाते थे।

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