सरकार ने संसद को आज बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पीएचडी थीसिस लिखने में चोरी के तीन मामले पाए हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों में विभिन्न विश्वविद्यालयों के दो वाइस चांसलर शामिल हैं। राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में सूचना मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री राज्य पाल सिंह ने साझा की थी।

यूजीसी ने सूचित किया है कि पिछले तीन वर्षों में तीन मामले सामने आए हैं जिनमें पांडिचेरी विश्वविद्यालय (2015) के वाइस चांसलर चंद्र कृष्णमूर्ति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी (2017) के अनिल कुमार उपाध्याय और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ (2018) के वाइस चांसलर विनय कुमार पाठक सिंह काम नाम सामने आया है।

मंत्री ने बताया कि चंद्र कृष्णमूर्ति को जुलाई 2016 में पद से बर्खास्त कर दिया गया था और अन्य दो विश्वविद्यालयों से दो व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

उच्च शिक्षा में साहित्य चोरी की जांच के लिए यूजीसी ने उच्च शैक्षिक संस्थान विनियम, 2018 में अकादमिक ईमानदारी और साहित्य चोरी की रोकथाम को बढ़ावा दिया है।

उन्होंने कहा कि नियमों का उद्देश्य अकादमिक शोध को बढ़ावा देना और इसे विकसित करने के लिए सिस्टम विकसित करके चोरी करना है। इस मामले में कार्यवाही भी की जाएगी।

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