हम हर साल ५ सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं जो कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है। इस दिन हर कोई अपने शिक्षकों को सम्मान देता है। इसके अलावा कई शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए जाते हैं। ऐसे ही एक टीचर थे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जो कि एक प्रसिद्ध दूरदर्शी और शिक्षक होने के साथ-साथ एक महान वैज्ञानिक भी थे।

उन्होंने शिक्षकों के लिए दस शपथ प्रस्तुत की थी जो कि अगर हर शिक्षक आज याद रखें और उन पर अमल करें तो हमारे एजुकेशन सिस्टम की तस्वीर बदल सकती है। उनकी दस बातें ना केवल शिक्षण पेशे की पवित्रता को उजागर करती हैं बल्कि सभी मौजूदा और भविष्य के शिक्षकों के लिए एक संदर्भ बिंदु भी प्रदान करती हैं।

उनकी शपथ पूरी तरह से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने और शिक्षकों के लिए मार्गदर्शक कारकों के रूप में काम करने के लिए केंद्रित है।

शिक्षक दिवस के अवसर पर, यहां देश के शिक्षकों के लिए एपीजे अब्दुल कलाम की दस बातें हम आपको बताने जा रहे हैं।

1. सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, मुझे शिक्षण पसंद आएगा। शिक्षण मेरी आत्मा होगी। शिक्षण मेरे जीवन का मिशन होगा।

2. मुझे शिक्षक होने का एहसास है, मैं राष्ट्रीय विकास के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण योगदान कर रहा हूं।

3. मुझे एहसास है कि मैं सिर्फ छात्रों को आकार देने के लिए ज़िम्मेदार नहीं हूं बल्कि धरती पर और धरती पर पृथ्वी के नीचे सबसे शक्तिशाली संसाधन है वो है युवा उनको उजागर करता हूं।

4. मैं खुद को एक महान शिक्षक बनने पर विचार करूंगा और जब मैं औसत छात्र के प्रदर्शन को बढ़ाने में सक्षम हूं और आगे भी रहूंगा।

5. मैं अपने जीवन को व्यवस्थित और संचालित रखूंगा, इस तरह से कि मेरा जीवन ही मेरे छात्रों के लिए एक संदेश है।

6. मैं अपने छात्रों को ज्ञान पूछने और ज्ञान की भावना विकसित करने के लिए उत्तर मांगने के लिए प्रोत्साहित करूंगा।

7. मैं सभी छात्रों को समान रूप से देखूंगा और धर्म, समुदाय या भाषा के कारण किसी भी भेदभाव का समर्थन नहीं करूंगा।

8. मैं लगातार शिक्षण में अपनी क्षमताओं का निर्माण करूंगा ताकि मैं अपने छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में भाग ले सकूं।

9. मैं अपने दिमाग को भरने, महान विचारों के साथ और अपने छात्रों के बीच सोच और कार्रवाई में कुलीनता फैलाने का प्रयास करूंगा।

10. मैं हमेशा अपने छात्रों की सफलता का जश्न मनाऊंगा।

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