हर स्टूडेंट को जानने चाहिए कोटा कोचिंग के ये 5 अजीबोगरीब फैक्ट्स
आजकल 12वीं साइंस से करने के बाद हर किसी के मन में पहला विचार जो आता है वो ये ही आता है कि 'क्या मैं आईआईटी/एआईपीएमटी की तैयारी के लिए कोटा जाऊंगा या नहीं?' कुछ के पास उनके जवाब हैं, जबकि कुछ अन्य लोगों के लिए ये एकदम अजीब ही होता है। जब आप अपना घर छोड़ रहे हों, तो आपके दिमाग में कई तरह की बातें चल रही होती है। मैं अपने आप को कैसे जगाऊंगा? क्या मैं कर कर पाऊंगा? क्या मैं प्रवेश परीक्षा में पास हो पाउंगा? ऐसे कई सवाल आपके सिर में हर तरफ घूमते रहते हैं।
सच्चाई यह है कि आप जो कुछ भी उम्मीद कर रहे थे होना उससे पूरी तरह अलग है। कोटा में अपने 2 सबसे महत्वपूर्ण सालों को बिताने वाला छात्र बाद में इस शहर के लिए कोई नया नहीं रहता है। बहुत सारी चीजें बदलती हैं, आपको जीवन के बारे में कई चीजें सीखनी पड़ती हैं भले ही आप प्रोजेक्टाइल और कार्बनिक यौगिकों के बारे में ज्यादा समझ ना सके हों।
आइए हम आपको ऐसी 5 चीजें बताएं जिनसे आप आसानी से जुड़ सकते हैं यदि आपने कोटा से आईआईटी / एम्स परीक्षाओं के लिए कोचिंग कर रहे हैं-
- पहली बार आपको यहां पता चलेगा कि असली प्रतिस्पर्धा होती क्या है-
अभी तक आपके लिए सिर्फ बोर्ड परीक्षा की कठिन समय हुआ करता था लेकिन जब आप कोटा में जाते हैं, तो आप सभी को एक अलग दुनिया में देखते हैं। आपको यह पता चल जाएगा कि वास्तविक दुनिया में यह कितना मुश्किल है जहां लाखों छात्र भारत के कुछ टॉप विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए कैसे कर रहे हैं।
2. आप 'जिम्मेदारी' शब्द का मतलब समझना शुरू करते हैं-
कभी भी आपके पैदा होने के बाद से आपकी माँ हमेशा आपकी देखभाल करने के लिए वहां रहती थी लेकिन जब आप कोटा में रहना शुरू करते हैं, तो आप सब अपने ही हैं। निस्संदेह किसी भी तरह की मदद करने के लिए वहां पर दोस्त हैं लेकिन कंधों पर हमेशा ज़िम्मेदारी की भावना होती है।
3. 24 घंटे भी कम लगने लग जाते हैं-
हर रोज कम से कम 8 घंटे की कोचिंग क्लास और फिर सैकड़ों डीपीपी हल करने के लिए, आप हमेशा समय को कम सा महसूस करता हुआ पाते हैं। हर समय ऐसा करने के लिए बहुत कुछ है, यहां तक कि सोने का समय भी मुश्किल से मिल पाता है। यदि आप एक ईमानदार छात्र हैं तो कोचिंग संस्थानों का अतिरिक्त दबाव सुनिश्चित करता है कि आपको किसी भी अन्य गतिविधियों के लिए समय नहीं मिलता है और यदि आप एक ईमानदार छात्र नहीं हैं तो आपके लिए कैफे में कंप्यूटर गेम खेलने और शहर के मॉल में चारों ओर घूमने के लिए समय ही समय होता है।
4. भोजन अब प्राथमिकता नहीं रहता है-
जिस पल आप कोटा की भीड़ में शामिल हो जाते हैं खाने के लिए आपका विशेष प्यार कम होने लग जाता है। अच्छे भोजन के नाम पर, आप जो भी खाते हैं वह आप ही जानते हैं कि वो कैसा है।
5. आपको वास्तव में यह पता चल जाता है कि आप वास्तव में उन 2 सालों में कितने अच्छे रहे हैं-
हर कोई सफल होने के लिए टॉप से टॉप कोचिंग में एडमिशन लेना चाहते हैं लेकिन हर किसी का तो वहां एडमिशन हो नहीं पाता है। यहां तक कि यदि आप स्कूल में एक अच्छे छात्र थे तो वो भी आपको कोटा के लिए अच्छा नहीं बनाते हैं। सफल होने के लिए आपको लाखों छात्रों के बीच अपनी एक रैंक बनानी होगी। भारत में इतनी प्रतिस्पर्धा है कि जब तक आप स्वीकार नहीं करते हैं कि आप कहां खड़े हैं, वास्तविकता से निपटना बहुत मुश्किल हो जाता है।