यदि आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं तो कोडिंग संबंधी विज्ञापन आपकी स्क्रीन पर बार-बार दिखाई देंगे। इतना ही नहीं रैंडम नंबर से बच्चों को कोडिंग सिखाने के लिए काफी फोन कॉल भी आएंगे। क्या आप जानते हैं कि कोडिंग क्या है और बच्चों के लिए इसे सीखना क्यों जरूरी है? दरअसल, कोडिंग की मदद से यह कंप्यूटर की भाषा को समझने में मदद करता है। इस सॉफ्टवेयर से वेबसाइट और ऐप बनाए जा सकते हैं। छोटी उम्र से ही बच्चों को कोडिंग सिखाकर वे अपने करियर में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। कोडिंग एक कौशल है और इसकी मदद से कोई भी तकनीकी चीजों के आधार को समझ सकता है। कोडिंग समस्या सुलझाने के कौशल को बढ़ाती है और बच्चों के दिमाग को तेज करती है।

सॉफ्टवेयर उद्योग में बढ़ेगा बोलबाला: उन्नत तकनीक के लिए कंप्यूटर प्रोग्रामर की मांग बढ़ रही है। बड़े होकर बच्चे कोडिंग में करियर बना सकते हैं। कोडिंग न्यूज से किसी भी सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में आसानी से नौकरी मिल सकती है। कई सरकारी नौकरियों में कोडिंग ज्ञान की मांग की जाती है।



गणित होगा मजेदार: जो बच्चे कोड करना जानते हैं, वे गणित को मजेदार और रचनात्मक मानते हैं। कोडिंग की मदद से वे समझते हैं कि वास्तविक जीवन में भी गणित का कितना आसान उपयोग किया जा सकता है। कोडिंग की मदद से बच्चों की लॉजिक और कैलकुलेशन स्किल्स बढ़ती हैं। इससे वे गणित के सवालों को आसानी से हल कर लेते हैं। यह चीजों को याद रखने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

कम उम्र से ही सीखा जाता है स्मार्ट वर्क: इसमें कोई शक नहीं कि आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है। डिजिटल दुनिया के लिए कोडिंग सीखना बहुत जरूरी हो गया है। इसके उपयोग से गणित, लेखन और संचार कौशल में सुधार होता है। यह बुनियादी शिक्षा भविष्य में बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है। 5 साल की उम्र से बच्चों को बेसिक कोडिंग सिखाई जा सकती है।

Related News