आज के इस दौर में हर कोई अन्य किसी से आगे निकलना चाहते हैं, अच्छी नौकरी पाना और बिजनेस स्टार्ट करने के लिए मात्र पढाई ही जरूरी नहीं हैं, इसके लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। ऐसे में आपने देखा होगा कि एक ही पद के लिए आवेदकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए कई माता-पिता अपने बच्चों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देने के लिए कम उम्र से ही कोचिंग कक्षाओं में दाखिला दिला रहे हैं। ये कोचिंग सेंटर, जो अक्सर 10वीं कक्षा से शुरू होते हैं, लाखों रुपये की फीस लेते हैं, इन हालतों को देख सरकार ने इन कोचिंग सेंटरो के लिए नए नियम लागू किए हैं, आइए जानते हैं इसके बारे में-

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1. 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के प्रवेश पर प्रतिबंध: शिक्षा मंत्रालय ने अनिवार्य किया है कि कोचिंग सेंटर 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को प्रवेश नहीं दे सकते। इस नियम का उल्लंघन करने पर ₹1 लाख का भारी जुर्माना लगेगा।

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2. शिक्षकों की योग्यता: कोचिंग सेंटरों को अब कम से कम स्नातक की डिग्री वाले शिक्षकों को नियुक्त करना होगा। इस उपाय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को योग्य पेशेवरों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।

3. भ्रामक दावों के लिए जवाबदेही:

कोचिंग सेंटरों को IAS, IPS या मेडिकल डिग्री जैसे शीर्ष पदों की गारंटी के बारे में अतिरंजित दावे करने से प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे वादे करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

4. पारदर्शिता की आवश्यकताएँ:

सभी कोचिंग सेंटरों को अपनी सेवाओं और पाठ्यक्रमों के बारे में व्यापक जानकारी ऑनलाइन प्रदान करने की आवश्यकता है, ताकि भावी छात्रों और उनके परिवारों के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

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5. गैर-अनुपालन के लिए दंड:

पहला उल्लंघन: प्रारंभिक उल्लंघन के लिए ₹25,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

बार-बार उल्लंघन: बाद के उल्लंघनों पर ₹1 लाख का जुर्माना लगेगा।

लगातार गैर-अनुपालन: लगातार उल्लंघन के कारण कोचिंग सेंटर का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है

अपने बच्चों के लिए कोचिंग विकल्पों पर विचार करने वाले माता-पिता के लिए, किसी भी असुविधा से बचने के लिए इन नए नियमों से अवगत होना महत्वपूर्ण है।

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