लोको पायलट परीक्षा के लिए 2000 किलोमीटर दूर तक सेंटर, सवालों के घेरे में आय़ा विभाग
रेलवे की तरफ से आने वाली 9 अगस्त को असिस्टेंट लोको पायलट और तकनीशियन पदों पर भर्ती के लिए अब तक की सबसे बड़ी ऑनलाइन भर्ती परीक्षा आयोजित की जा रही है। हाल ही में रेलवे ने उन छात्रों के परीक्षा सेंटरों और जानकारी के बारे में वेबसाइट पर बताया जिसके बाद रेलवे का पूरा विभाग सवालों के घेरे में आ गया।
दरअसल रेलवे ने ऑनलाइन परीक्षा के लिए जिन जगहों पर परीक्षा के सेंटर दिए हैं उनसे हजारों छात्रों को आपत्ति हैं। छात्रों का कहना है कि सेंटर देने में काफी लापरवाही बरती गई है। छात्रों को उनके शहर या गांव से 2000-3000 किलोमीटर दूर-दूर तक परीक्षा सेंटर दिए गए हैं।
यूपी, बिहार और राजस्थान के कुछ छात्रों को देश के दूसरे कोने के राज्यों में परीक्षा का सेंटर दिया गया है जिससे छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना अभी से करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि 9 अगस्त को होने वाली इस ऑनलाइन परीक्षा को रेलवे के 26,502 पदों को भरने के लिए लिया जा रहा है। रेलवे के पास इन पदों के लिए लगभग 47 लाख आवेदन आए हैं।
रेलवे का इस पर क्या कहना है?
रेलवे की चारों तरफ से जब आलोचना हो रही है तब ऐसे में रेलवे ने अपने बचाव में कहा है कि परीक्षा के लिए 72 फीसदी छात्रों को सेंटर उनके शहर से 200 किलोमीटर की रेंज में ही दिया गया है। अब इस परीक्षा में देश के लगभग सभी राज्यों से लाखों छात्रों ने आवेदन किया हैं जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान से ही हैं।
इसके अलावा फिलहाल रेलवे की तरफ से इस पर कुछ साफ नहीं किया गया है, कुछ छात्र सेंटर बदलने की मांग भी कर रहे हैं लेकिन अब परीक्षा का समय बहुत नजदीक हैं तो छात्रों की यह मांग पूरी होती हुई दिखाई नहीं दे रही है।