गणित को स्कोरिंग सब्जेक्ट कहा जाता है, लेकिन फिर भी ज्यादातर स्टूडेंट्स इसके नाम से डरते हैं। बच्चों में बहुत कम उम्र से ही मैथ फोबिया देखने को मिल जाता है। हालांकि, अगर मूल बातें शुरू से ही स्पष्ट हैं, तो आगे बढ़ने में ज्यादा समस्या नहीं है। यहां कुछ सरल उपाय दिए गए हैं जो गणित के भय को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। अगर आप गणित को लेकर घबराहट महसूस करने लगते हैं या उसके सवालों को देखते हैं, तो इसका मतलब है कि आप गणित के फोबिया से पीड़ित हैं। इससे आप खुद को दूसरों से कमजोर समझने लगते हैं और आपका आत्मविश्वास भी कम होने लगता है। लेकिन हर कक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए जरूरी है कि आप इस फोबिया पर जीत हासिल करें।

चाहे गणित हो या कोई भी संख्यात्मक विषय, उसके बेसिक्स क्लियर होना बहुत जरूरी है। छात्रों को गणित की मूल बातें समझने के लिए अधिक ध्यान और समय देना चाहिए। एक बार बेसिक कांसेप्ट समझ में आ जाए तो गणित का न्यूमेरिकल पल भर में हल हो जाएगा।



सवाल पूछने में क्या हर्ज है:-
गणित की अवधारणाएं एक-दूसरे से संबंधित हैं और यदि आप शुरू में भ्रमित हो जाते हैं, तो विषय बाद में और कठिन हो जाता है। यदि आप किसी भी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो शिक्षकों या मित्रों से प्रश्न पूछने में देर न करें।

एक नियमित दिनचर्या निर्धारित करें:-
जब भी आप घर पर गणित के अंकों का अभ्यास कर रहे हों, तो पहले सरल प्रश्नों को हल करें और फिर कठिन प्रश्नों को हल करें। इससे आप बोर और निराश नहीं होंगे। यदि आप कठिन प्रश्नों को लेकर बैठेंगे तो शुरुआत में आप गणित से ऊबने लगेंगे।

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