तमिलनाडु पुलिस ने हाल ही में कुछ इंजीनियरिंग छात्रों से कथित तौर पर "पैसे लेकर" परीक्षा में नंबर देने के मामले में अन्ना यूनिवर्सिटी पूर्व परीक्षा कंट्रोलर सहित 10 प्रोफेसरों को बुक किया है। इन पर आरोप है कि परीक्षा की कॉपियों की रिचेकिंग के उन्हें पैसे देने के बदले अतिरिक्त अंक दिए गए थे।

राज्य पुलिस ने 10 प्रोफेसरों से संबंधित कैंपस में खोज की और संदिग्ध सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। पुलिस का कहना है कि उन्हें "विश्वसनीय स्रोतों" से प्राप्त जानकारी के आधार पर कार्रवाई की थी कि अभियुक्त को इंजीनियरिंग छात्रों से पैसा मिला था, जो कि साल 2017 में परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे, और उन्हें फिर से रिचेकिंग के दौरान ऐसा करने के लिए कहा गया। उन्हें पास करने के लिए पैसे लिए गए जिसके एवज में अतिरिक्त अंक भी दिए गए।

सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी निदेशालय (डीवीएसी) ने परीक्षा के पूर्व नियंत्रक जीवी उमा, तिंडीवनम क्षेत्रीय अधिकारी और सहायक प्रोफेसर पी विजयकुमार और शिवकुमार और सात अन्य लोगों के खिलाफ "साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी" के आरोप में मामला दर्ज किया है।

इसके बाद, डीवीएसी के अधिकारियों ने उमा के चेन्नई निवास, विजयकुमार और शिवकुमार के कागजातों की खोज के लिए अन्ना यूनिवर्सिटी के कैंपस में छानबीन की। छानबीन के दौरान, पुनर्मूल्यांकन में कथित अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेज और आरोपी के गुणों से संबंधित दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया। आगे की कार्रवाई के लिए अब पुलिस जांच कर रही है जिसके लिए पुलिस इस मामले में छानबीन कर रही है।

अन्ना यूनिवर्सिटी जैसी बड़ी यूनिवर्सिटी से जब इस तरह के मामले सामने आएंगे तो आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि इन बड़ी यूनिवर्सिटियों में किस तरह की जालसाजी भरे काम होते हैं। अब देखना यह होगा कि अन्ना यूनिवर्सिटी और पुलिस इस मामले में आगे क्या एक्शन लेती है।

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