इंटरनेट डेस्क। इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के माध्यम से औपचारिक शिक्षण के आधार पर सीखने की प्रणाली ई-लर्निंग कहा जाता है। ई-लर्निंग में पढाई कक्षा के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर हो सकती है इसलिए ई-लर्निंग में कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। ई-लर्निंग को नेटवर्क पर आधारित कौशल और ज्ञान के हस्तांतरण के रूप में भी जाना जाता है। इसके माध्यम से शिक्षा एक ही या अलग-अलग समय में कई सीखने वालो को शिक्षा दी जा सकती है।

शुरू में इस विचार को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया था क्योंकि यह माना जाता था कि इस प्रणाली में सीखाने के लिए आवश्यक मानव तत्व की कमी है। हालांकि, तकनीक में तेजी से हो रहे बदलाव और सीखने की व्यवस्था में प्रगति के साथ अब जनता से स्वीकार कर लिया है।

कंप्यूटर युग की शुरुआत इस ई-लर्निंग का आधार है और समय बीतने के साथ स्मार्टफ़ोन और टैबलेट जैसी चीज़ों के आने के बाद अब इन उपकरणों का सीखने के लिए कक्षाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान हो गया है। किताबों का स्थान धीरे-धीरे इलेक्ट्रॉनिक सामग्री जैसे ऑप्टिकल डिस्क या पेन ड्राइव ले रहे है। पढाई से जुड़ी जानकारी इंटरनेट के माध्यम किसी भी समय आसानी से शेयर की जा सकती है।

ई-लर्निंग के फायदे -

ई-लर्निंग कॉर्पोरेट क्षेत्र में सबसे अच्छा साधन साबित हुआ है। खासकर जब एमएनसी द्वारा दुनिया भर के पेशेवरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ई-लर्निंग के माध्यम से कर्मचारी सेमिनार के दौरान बोर्ड रूम में बैठे हुए ज्ञान और कौशल हासिल करने में सक्षम होते हैं, जो कि एक जगह पर किसी एक या विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों के लिए आयोजित किये जाते है।

यहां तक कि आजकल स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए भी इस तकनीक का प्रयोग होने लगा है। ई-लर्निंग तकनीक का उपयोग करने वाले स्कूल उन लोगों से एक कदम आगे रहते हैं जहाँ पर पढ़ाने के लिए पारंपरिक तरीका अपनाया जाता है।

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि किताबों और पढ़ाने के पारंपरिक तरीके की मदद से गैर-इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण की अवधारणा को आगे बढ़ाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, लेकिन तकनीक पर आधारित शिक्षा के महत्व और प्रभावशीलता को हल्के में नहीं लिया जा सकता है या पूरी तरह से अनदेखा नहीं किया जा सकता है।

ऐसा माना जाता है कि मानव मस्तिष्क उन चीज़ों को आसानी से याद रखता है जो कि तस्वीरों या वीडियो के माध्यम से देखा और सुना जाता है। कृषि, चिकित्सा, शिक्षा, सेवाएं, व्यापार, और सरकारी सेटअप समेत विभिन्न क्षेत्र अब ई-लर्निंग की अवधारणा को स्वीकार कर रहे हैं जो देश को प्रगति करने में मदद कर सकता है।

Related News