हर स्टूडेंट को पता होने चाहिए कोचिंग की ये 5 अजीब फैक्ट्स
आजकल 12वीं साइंस से करने के बाद हर किसी के मन में पहला विचार जो आता है वो ये ही आता है कि 'क्या मुझे आईआईटी/एआईपीएमटी की तैयारी करनी चाहिए या नहीं? इसके लिए कोटा जाना चाहिए या नहीं? ऐसे में कई लोग कुछ अन्य कोर्सेज को चुनते हैं लेकिन इसके लिए सही कोचिंग चुनना भी जरूरी है। क्योकिं बहुत से सवाल स्टूडेंट्स के दिमाग में आते हैं।
आइए हम आपको ऐसी 5 चीजें बताएं जिनसे आप आसानी से जुड़ सकते हैं यदि आपने कोटा से आईआईटी / एम्स परीक्षाओं के लिए कोचिंग कर रहे हैं-
1. पहली बार आपको यहां पता चलेगा कि असली प्रतिस्पर्धा होती क्या है-
अभी तक आपके लिए सिर्फ बोर्ड परीक्षा ही एक कठिन समय हुआ करता था लेकिन जब आप कोटा में जाते हैं, तो आपको एक अलग दुनिया देखने को मिलती है और ये एक्सपीरियंस काफी नया होता है। आपको यह भी पता चल जाएगा कि वास्तविक दुनिया में यह कितना मुश्किल है जहाँ लाखों स्टूडेंट्स टॉप कॉलेजों में एडमिशन लेने का प्रयास कर रहे होते हैं।
2. आप 'जिम्मेदारी' शब्द का मतलब समझना शुरू करते हैं-
जब हम घर में रहते हैं तो देखभाल करने के लिए माँ होती है लेकिन जब आप कोटा में रहना शुरू करते हैं, तो आप सब अपने ही हैं। यहाँ पर सारी जिम्मेदारी आपके कन्धों पर होती है और सारे काम आपको खुद ही करने पड़ते हैं।
3. 24 घंटे भी कम लगने लग जाते हैं-
हर रोज कम से कम 8 घंटे की कोचिंग क्लास और फिर सैकड़ों डीपीपी हल करने के लिए, आप हमेशा समय को कम सा महसूस करता हुआ पाते हैं। ये सब करने के बाद अपने लिए समय निकालना तो दूर की बात है बल्कि सोने के लिए समय भी काफी मुश्किल से मिल पाता है। यदि आप एक ईमानदार छात्र हैं तो आपको समय नहीं मिलेगा लेकिन यदि आप ईमानदार छात्र नहीं हैं तो आपके पास हर चीज के लिए समय ही समय होगा।
4. भोजन अब प्राथमिकता नहीं रहता है-
जिस पल आप कोटा की भीड़ में शामिल हो जाते हैं खाने के लिए आपका विशेष प्यार कम होने लग जाता है। अच्छे भोजन के नाम पर, आप जो भी खाते हैं वह आप ही जानते हैं कि वो कैसा है।
5. आपको वास्तव में यह पता चल जाता है कि आप वास्तव में उन 2 सालों में कितने अच्छे रहे हैं-
सभी टॉप से टॉप कोचिंग में एडमिशन लेना चाहते हैं लेकिन हर किसी का तो वहां एडमिशन हो नहीं पाता है। आप एक अच्छे स्टूडेंट हैं तो भी ये जरूरी नहीं कि आप कोटा के लिए भी एक अच्छे स्टूडेंट साबित होंगे। भारत में इतनी प्रतिस्पर्धा है कि जब तक आप स्वीकार नहीं करते हैं कि आप कहां खड़े हैं, वास्तविकता से निपटना बहुत मुश्किल हो जाता है।