कैसे बन सकते हैं IPS ऑफिसर, जानिए
IPS ऑफिसर बनने का कई युवाओं का सपना होता है और इसके लिए सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर करना जरूरी होता है। UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) हर साल इस एग्जाम को साल में 2 बार आयोजित करवाती है। लाखों की संख्या में हर साल कैंडिडेट्स इस एग्जाम में भाग लेते हैं जिनमे से कुछ ही सेलेक्ट हो पाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप आईपीएस ऑफिसर बन सकते हैं।
शैक्षिक योग्यता और उम्र सीमा
भारत / नेपाल / भूटान के ग्रेजुएट कैंडिडेट्स ये एग्जाम दे सकते हैं और एग्जाम देने के लिए कैंडिडेट की उम्र 21-30 साल के बीच होती चाहिए। एससी / एसटी कैंडिडेट्स को उम्र में छूट भी मिलती है।
फिजिकल एलिजिब्लिटी
लंबाई: आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए कैंडिडेट की हाईट कम से कम 165 सेंटीमीटर होना चाहिए। SC/OBC कैंडिडेट की हाइट 160 सेंटीमीटर भी हो सकती है। फीमेल कैंडिडेट्स की हाईट 150 सेंटीमीटर होनी चाहिए। SC/OBC फीमेल कैंडिडेट्स की हाइट 145 सेंटीमीटर भी हो सकती है।
चेस्ट: मेल कैंडिडेट्स की चेस्ट कम से कम 84 सेंटीमीटर और महिलाओं के लिए कम से कम 79 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
आई साइट:आंखों का विज़न 6/6 या 6/9 होना चाहिए। कमजोर आंखों का विज़न 6/12 or 6/9 होना चाहिए।
सिविल सर्विस एग्जाम के दो चरण होते हैं जिनमे प्रिलिमनेरी एग्जाम (प्रिलिम्स) और मेन एग्जाम शामिल है।
1. प्रीलिम्स एग्जाम: इनमे 200-200 मार्क्स के 2 पेपर होते हैं। दोनों ही पेपर में आब्जेक्टिव टाइप सवाल (मल्टीपल च्वॉइस क्वेश्चन) पूछे जाते हैं:
पेपर I: 200 अंकों के इस पेपर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय करंट अफेयर्स, भारत और विश्व का भूगोल, भारतीय इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, आर्थिक और सामाजिक विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट, गरीबी, जनसंख्या), भारतीय राजतंत्र और गवर्नेंस (संविधान, पॉलिटिकल सिस्टम, पंचायती राज, पब्लिक पॉलिसी), बायो-डायवर्सिटी, इनवायरमेंटल इकोलॉजी, क्लाइमेट चेंज और जनरल साइंस जैसेसब्जेक्ट्स से ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाते हैं। इस पेपर को क्लियर करने के लिए 2 घंटे का टाइम मिलता है।
पेपर II: 200 अंक के इस पेपर में कॉम्प्रिहेंशन,लॉजिकल रीजनिंग और एनालिटिकल एबिलिटी, इंटरपर्सनल स्किल्स, जनरल मेंटल एबिलिटी, डिसिजन मेकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग, बेसिक न्यूमरेसी और डेटा इंटरप्रिटेशन (चार्ट, ग्राफ, टेबल) से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। इस पेपर को भी 2 घंटे में सॉल्व करना होता है।
2. मेन एग्जाम: सिविल सर्विसेज़ के मेन एग्जाम में लिखित परीक्षा और इंटरव्यू शामिल है। इसमें टोटल 9 सब्जेक्ट्स होते हैं। जिनमें दो क्वालिफाइंग (A और B) और सात अन्य मेरिट के लिए हैं।
ऑप्शनल सब्जेक्ट: उम्मीदवार एग्रीकल्चर, मानव विज्ञान, एनिमल हस्बेंड्री और वेटनरी साइंस,केमिस्ट्री,बॉटनी, कॉमर्स और एकाउंटेंसी, सिविल इंजीनियरिंग, इकनॉमिक्स, भूगोल, भू-विज्ञान, इतिहास, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मेडिकल साइंस, लॉ, मैनेजमेंट, मकेनिकल इंजीनियरिंग,फिलॉसफी, फिजिक्स, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, स्टेटस्टिक्स, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पॉलिटिकल साइंस और अंतरराष्ट्रीय संबंध, जू़लॉजी और भाषा (असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दु और अंग्रेजी) में से किसी एक का चुनाव बतौर ऑप्शनल सब्जेक्ट कर सकते हैं।
इंटरव्यू: मेन एग्जाम क्लियर करने के बाद उम्मीदवारों को पर्सनल इंटरव्यू राउंड के लिए बुलाया जाता है। इसमें इंटरव्यूअर किसी भी तरह के सवाल पूछ सकता है। ये कम से कम 45 मिनट का होता है। इंटरव्यू के बाद मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है. मेरिट लिस्ट बनाते समय क्वालिफाइंग पेपर के नंबर नहीं जोड़े जाते हैं।
UPSC एग्जाम क्लियर करने के अलावा स्टेट PSC एग्जाम पास करके भी IPS ऑफिसर बना जा सकता है। लेकिन स्टेट लेवल का एग्जाम पास करने के बाद SP बनने में आठ से 10 साल का समय लगता है।
ट्रेनिंग: सेलेक्ट हुए कैंडिडेट्स की एक साल की ट्रेनिंगपहले मसूरी और फिर हैदराबाद में होती है। भावी पुलिस अधिकारियों को भारतीय दंड संहिता, स्पेशल लॉ और क्रिमिनोलॉजी की ट्रेनिंग दी जाती है।